वकीलों की मांगों पर खुले दिल से विचार करेगी सरकार : प्रसाद
राज्यसभा में शून्य प्रहर के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदस्यों को यह भरोसा दिलाया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार ने कहा है कि वकीलों की मांगों पर खुले दिल से विचार किया जाएगा। अपुने लिए कल्याणकारी योजनाओं, चैंबर और आवासीय सुविधाओं के लिए बजट की मांग को लेकर वकीलों ने मंगलवार को एक दिन की हड़ताल रखी।
राज्यसभा में शून्य प्रहर के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदस्यों को यह भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वकीलों की मांग पर सरकार खुले दिमाग से विचार करेगी।
तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदू शेखर रे ने शून्य प्रहर मेंशन के जरिये यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देशभर में डेढ़ करोड़ से ज्यादा वकील अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को हड़ताल पर रहे। उनकी मांगों में बीमा सुरक्षा भी शामिल है।
रविशंकर प्रसाद के जवाब पर सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा, 'खुल दिमाग के साथ ही मांगों पर सकारात्मक दिमाग से भी विचार किया जाना चाहिए।' इस पर प्रसाद ने कहा कि खुले दिमाग में सकारात्मक दिमाग से विचार भी शामिल है।
पटना एम्स में सुविधाओं का अकाल
शून्य प्रहर के दौरान लोक महत्व के 15 अति आवश्यक मामले उठाए गए। इसमें पटना एम्स में सुविधाओं की कमी का मुद्दा भी शामिल है। जदयू के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि पटना एम्स में कई विभागों में ओपीडी और डॉक्टरों की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सरकार को बुनियादी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। वहीं, टीएमसी के सांतनु सेन ने इलाज की एक समान दरें तय करने का मुद्दा उठाया। जबकि, भाजपा के हरनाथ सिंह यादव ने पत्रकारों की दयनीय स्थिति का मसला उठाया।
जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगे
भाजपा के विजय पाल सिंह तोमर ने जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने और अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने का मुद्दा उठाया।