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शिवसेना की बदली रणनीति में रश्मि ठाकरे भी रहीं अहम, जानें- किस तरह निभाई अपनी भूमिका

रश्मि ठाकरे ने महिला विंग द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों का दौरा भी किया और मुंबई नगर निगम और अन्य चुनावों के दौरान उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी किया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 08:32 AM (IST)
शिवसेना की बदली रणनीति में रश्मि ठाकरे भी रहीं अहम, जानें- किस तरह निभाई अपनी भूमिका
शिवसेना की बदली रणनीति में रश्मि ठाकरे भी रहीं अहम, जानें- किस तरह निभाई अपनी भूमिका

मुंबई, [संजीव शिवाडेकर]। शिवसेना के समर्थक से लेकर मां तक रश्मि ठाकरे अब पार्टी के प्रमुख वास्तुकारों में से एक हैं। जिन्होंने अपने पति उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों ने दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के साथ सीट बंटवारे को लेकर रश्मि ठाकरे अडिग थीं।

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विधानसभा चुनाव से पहले एक घटना को याद करते हुए शिवसेना के एक नेता ने बताया कि सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना-भाजपा नेताओं की बैठक के बाद रश्मि ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के साथ गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा की थी। मातोश्री के एक विश्वासपात्र ने जागरण के सहयोगी अखबार मिड डे को बताया कि रश्मि की राय थी कि शिवसेना को बराबर सीट और पावर शेयरिंग से कम पर समझौता नहीं करना चाहिए।

पहले भी पार्टी की बैठकों में लेती रहीं है हिस्सा

यह पहली बार नहीं है जब डोंबिवली की लड़की रश्मि राजनीतिक घटनाक्रम में दिलचस्पी ले रही थीं। पहले भी जैसे नारायण राणे के पार्टी छोड़ने या उद्धव के चचेरे भाई राज ठाकरे को पार्टी से अलग करने में रश्मि ठाकरे ही थीं जिन्होंने पार्टी की बातचीत में हिस्सा लिया था।

इस दौरान रश्मि ठाकरे ने महिला विंग की ओर से आयोजित कई कार्यक्रमों का नेतृत्व भी किया और मुंबई नगर निगम और अन्य चुनावों के दौरान उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी किया। जब शिवसेना में अशांति थी, उस समय पार्टी को फिर से बनाने में उद्धव ठाकरे की मदद की। उस समय परिवार और नेतृत्व विवाद के कारण शिवसेना से अधिकतर लोग जा रहे थे।

शिवसेना के फैसलों पर रश्मि की भी रहती है भागीदारी

पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में कई लोग रश्मि को सिर्फ बाला साहेब ठाकरे की बहू या नवनिर्वाचित विधायक आदित्य की मां के रूप में जानते हैं, लेकिन उनके पास अच्छा राजनीतिक कौशल है। उन्होंने अपने इस कौशल का इस्तेमाल वर्ष 2005 के बाद के दौर में ज्यादा किया जब वह शिवसेना के फैसले लेने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने लगीं। पार्टी कार्यकर्ता का मानना है कि निश्चित रूप से शिवसेना में रश्मि ठाकरे की अहम हिस्सेदारी है।

बेटे आदित्य को सबसे युवा सीएम बनते हुए देखना चाहती थी रश्मि

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार और चुनाव परिणामों के दौरान रश्मि ठाकरे की अपने बेटे आदित्य को महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में देखने की आकांक्षा थी। आदित्य के चुनाव जीतने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे को प्रोजेक्ट करने वाले वर्ली विधानसभा क्षेत्र एवं शहर के कई हिस्सों में पोस्टर लगाए गए थे। शिवसेना कैंप के संभावित सीएम उम्मीदवार आदित्य से उद्धव ठाकरे में बदल गए। बता दें कि जब उद्धव ठाकरे के नाम को महा विकास अघाड़ी ने सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी थी तब रश्मि बुधवार को सुबह अपने पति के साथ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलीं थी।


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