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सीबीआई डीआईजी के शपथपत्र से कठघरे में सरकार: रणदीप सुरजेवाला

कांग्रेस ने सीबीआई के डीआइजी के शपथपत्र को गंभीर करार देते हुए कहा है कि मोदी सरकार के साथ नौकरशाही की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 08:38 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 08:38 PM (IST)
सीबीआई डीआईजी के शपथपत्र से कठघरे में सरकार: रणदीप सुरजेवाला
सीबीआई डीआईजी के शपथपत्र से कठघरे में सरकार: रणदीप सुरजेवाला

 नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने सीबीआई के डीआइजी एमके सिन्हा के सुप्रीम कोर्ट में दाखिल शपथपत्र को बेहद गंभीर करार देते हुए कहा है कि इसने मोदी सरकार के साथ शीर्ष नौकरशाही की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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पार्टी के अनुसार डीआइजी के शपथपत्र से साफ है कि मंत्री, कानून सचिव, केंद्रीय सर्तकता आयुक्त से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपराधियों को बचाने और बेगुनाहों को फंसाने के खेल में शरीक हैं। कांग्रेस का यह भी कहना है कि बचाने व फंसाने के खेल में भ्रष्टाचार की बात भी सामने आयी है इसीलिए संसद के जरिये इसकी निष्पक्ष जांच करायी जानी चाहिए।

 सीबीआई डीआइजी के सुप्रीम कोर्ट में दिये गए शपथपत्र पर कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने विशेष प्रेस कांफ्रेंस कर एनडीए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार के शीर्ष स्तर के अधिकारियों और मंत्रियों पर गंभीर आरोप विपक्ष या राह चलते किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि सीबीआई के डीआइजी ने लगाए हैं। 70 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि सीबीआई के एक आला अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ही नहीं केंद्रीय सर्तकता आयुक्त केवी चौधरी की आरोपियों को बचाने में संदेहास्पद भूमिका पर प्रकाश डाला है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस सीवीसी पर सीबीआई की जांच का जिम्मा है, वही जांच में दखलंदाजी कर रहा है। कोयला राज्यमंत्री हरिभाई चौधरी पर भ्रष्टाचार के खेल में शामिल होने की बात उठाते हुए उन्होंने कहा कि पीएमओ में राज्यमंत्री की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

सुरजेवाला ने कहा कि कानून सचिव और कैबिनेट सचिव भी सरकार के भीतर चल रहे खेल का हिस्सा बन गए जो देश के लिए बेहद गंभीर बात है। उनके अनुसार जिन व्यक्तियों और संस्थाओं पर अपराधियों की जांच का जिम्मा है अगर वे ही बचाने और फंसाने की साजिश में शामिल होंगे तो लोकतंत्र के लिए इससे बड़ा खतरा कुछ भी नहीं होगा।


सुरजेवाला ने कहा कि सिन्हा के शपथपत्र से स्पष्ट है कि सीबीआई के आरोपी विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को बचाने के लिए कैसे उनके खिलाफ जांच कर रही टीम और निदेशक आलोक वर्मा को रातोंरात हटा दिया गया। सिन्हा के बयान को आधार बनाते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में पूरी दाल ही काली है और इसीलिए न्यायालय की जांच के साथ संसद से इस पूरे मिलीभगत की निष्पक्ष जांच जरूरी है।


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