विहिप की धर्म संसद में गूंजेगा राम मंदिर निर्माण का मामला, दो दिवसीय धर्म संसद तैयारी पूरी
विश्व हिंदू परिषद की गुरुवार से होने जा रही दो दिवसीय धर्म संसद की तैयारियां बुधवार को पूरी हो गई।
जासं, कुंभनगर। विश्व हिंदू परिषद की गुरुवार से होने जा रही दो दिवसीय धर्म संसद की तैयारियां बुधवार को पूरी हो गई। विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार, एसके कोकजे, मिलिंद परांडे, उपाध्यक्ष चंपत राय समेत सभी प्रमुख पदाधिकारी पहुंचे गए हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत भी धर्म संसद में शामिल होने के लिए बुधवार को प्रयागराज पहुंच गए। धर्म संसद दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक चलेगी। पूरे शिविर को राममय बना दिया गया है। भगवा झंडे चारों ओर लहरा रहे हैं। सभागार में पांच हजार संतों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
शिविर में देश के विभिन्न प्रांतों से आए करीब दो हजार संतों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसमें जैन, बौद्ध, वाल्मीकि एवं तिब्बती समाज के धर्मगुरु शामिल हैं। धर्मसंसद में दोनों दिन रामजन्म भूमि में मंदिर निर्माण पर प्रमुखता से चर्चा होगी। तैयारी भी राम जन्मभूमि को केंद्र में रखकर की गई है। बुधवार को शिविर में धर्म संसद को लेकर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवेद्यनाथ के नाम पर रखे गया सभागार में धर्म संसद होगी। महंत अवेद्यनाथ ने ही इस आंदोलन की नींव रखी थी। हमेशा रामजन्म भूमि के आवाज बने रहे अशोक सिंहल के नाम पर पूरा शिविर बसाया गया है। विहिप के मीडिया प्रभारी अश्वनी ने बताया कि मंच पर भी साढ़े तीन सौ संत बैठेंगे।
आने वाले प्रस्ताव
-राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण
-सबरीमाला प्रकरण
-गंगा की निर्मलता
-सामाजिक समरसता
संघ के पदाधिकारियों ने की चर्चा
धर्म संसद की तैयारी को लेकर संघ के सर कार्यवाह भैयाजी जोशी, डा.कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबोले ने विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार से चर्चा की। शिविर में संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं विहिप के नेताओं के बीच मंथन चलता रहा। कई संतों से भी विहिप नेताओं ने मुलाकात की।
ये प्रमुख संत रहेंगे
स्वामी वासुदेवानंद, स्वामी अवधेशानंद गिरि, स्वामी चिदानंद, योगगुरु रामदेव, रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, सतपाल महराज, निंबकाचार्य, गोविंद जी महराज, साध्वी ऋतंभरा, रामकमल वेदांती, विशोकानंद, विश्वदेवाचार्य, प्रीति प्रियंदा, वियोगानंद, महामंडलेश्वर उमाकांतानंद, जैन मुनि कपिल, तिब्बती गुरु रिक कोंचे, वाल्मीकि समाज के गुरु उमेशनाथ समेत विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारी।