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राम माधव ने पूछा- यूपी से कम आबादी के बावजूद आंध्र प्रदेश को क्यों चाहिए तीन राजधानियां ?

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा है कि राजधानियों के मसले पर केंद्र की भूमिका सीमित है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इस पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 07:46 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 07:46 AM (IST)
राम माधव ने पूछा- यूपी से कम आबादी के बावजूद आंध्र प्रदेश को क्यों चाहिए तीन राजधानियां ?

अमरावती, प्रेट्र। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने मंगलवार को आश्चर्य जताते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश को तीन राजधानियों की जरूरत क्यों है जबकि उससे चार गुना से ज्यादा आबादी वाले उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में सिर्फ एक राजधानी है। विजयवाड़ा में भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि तीन राजधानियों को तीन गुना भ्रष्टाचार का जरिया नहीं बनना चाहिए। उन्होंने आंध्र प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओं से भ्रष्टाचार के खिलाफ और अमरावती के उन किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ने का आह्वान किया जिन्होंने राजधानी के विकास के लिए अपनी जमीनें दी हैं।

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राम माधव ने कहा कि राजधानियों के मसले पर केंद्र की भूमिका सीमित है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इस पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।उन्होंने कार्यकर्ताओं से 2024 में राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए काम करने का आह्वान करते हुए कहा, 'मोदी के कंधे पर बंदूक रखकर लड़ाई में जाने की कोशिश मत कीजिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो एक प्रतिशत (2019 के चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत) में ही रह जाएंगे।'

उन्होंने कहा कि मोदी अगले 10-15 साल तक प्रधानमंत्री रहेंगे। हम उनके सुशासन और जन उन्मुखी कार्यक्रमों से फायदा उठाएंगे, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। लक्ष्य एक शक्तिशाली ताकत के रूप में उभरने का है। इस मौके पर विधान परिषद सदस्य सोमू वीरराजू ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।

आंध्र प्रदेश की अब एक नहीं तीन होंगी राजधानी

मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की आंध्र प्रदेश की तीन राजधानी होने की योजना को राज्यपाल बिस्व भूषण हरिचंदन ने अपनी स्वीकृति दे दी। जगन मोहन सरकार की विशाखापत्तनम को कार्यपालक राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाने की योजना है।

राज्यपाल ने एपी विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों के समग्र विकास विधेयक 2020 और एपी राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकार (संशोधित) विधेयक 2020 को मंजूरी दी। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद दोनों विधेयक अब औपचारिक रूप से कानून बन गए हैं, लेकिन तीन राजधानियों योजना को यथार्थ रूप देने से पहले सरकार को कानूनी अड़चनें दूर करनी होगी। यह मुद्दा अभी आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में लंबित है।


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