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राज्यसभा ने कानून बनाने पर 28, बहस में 40 फीसद समय किया खर्च; प्रति वर्ष 340 घंटे हुआ काम

राज्यसभा सचिवालय द्वारा सत्र के दौरान समय के सदुपयोग पर विश्लेषण से पता चला है कि सदन ने सबसे ज्यादा समय सार्वजनिक महत्व के विभिन्न मुद्दे पर चर्चा में खर्च किया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 09:26 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 09:34 PM (IST)
राज्यसभा ने कानून बनाने पर 28, बहस में 40 फीसद समय किया खर्च; प्रति वर्ष 340 घंटे हुआ काम
राज्यसभा ने कानून बनाने पर 28, बहस में 40 फीसद समय किया खर्च; प्रति वर्ष 340 घंटे हुआ काम

नई दिल्ली, प्रेट्र। राज्यसभा ने अपने कामकाज के दौरान 40 फीसद समय सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करने में, 32 फीसद कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने में और 28 फीसद कानून बनाने में खर्च किया है। एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है। उच्च सदन ने प्रति वर्ष 340 घंटे कामकाज किया है।

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राज्यसभा सचिवालय द्वारा सत्र के दौरान समय के सदुपयोग पर विश्लेषण से पता चला है कि सदन ने सबसे ज्यादा समय सार्वजनिक महत्व के विभिन्न मुद्दे पर चर्चा में खर्च किया है। 1978 से 41 वर्षो के लिए राज्यसभा सचिवालय द्वारा उच्च सदन में समय का इस्तेमाल करने के पैटर्न पर कराए गए विश्लेषण में यह परिणाम सामने आया है।

राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने यह जानना चाहा था कि सदन ने विधायिका, निरीक्षण और विचार में कितना समय खर्च किया है। इसके बाद यह विश्लेषण कराया गया। 

लॉकडाउन के चलते 37 नये राज्यसभा सांसदों की टाली गई 

वहीं, दूसरी ओर कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन की वजह से राज्यसभा के लिए चुने गए 37 नये सांसदों को फिलहाल शपथ नहीं दिलाई जा सकेगी। हालांकि संसद में वोटिंग के अधिकार के अलावा इन सदस्यों को सांसदों के वेतन और भत्ते समेत सभी सुविधाएं मिलेंगी। पूर्व में सभापति वेंकैया नायडू ने कहा था कि मौजूदा हालत में नये सदस्यों का शपथ जरूरी नहीं है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही इस संवैधानिक अनिवार्यता की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।


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