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राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्‍लान, सोलंकी का नामांकन रद्द हुआ तो बघेल हो जाएंगी प्रत्याशी

सरकारी सेवा में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी को प्रत्याशी बनायालेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार न होने के कारण पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन जमा करवाया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 10:48 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 10:48 PM (IST)
राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्‍लान, सोलंकी का नामांकन रद्द हुआ तो बघेल हो जाएंगी प्रत्याशी
राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा का प्‍लान, सोलंकी का नामांकन रद्द हुआ तो बघेल हो जाएंगी प्रत्याशी

भोपाल (स्टेट ब्यूरो)। राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने दूसरी सीट के लिए दो प्रत्याशियों से नामांकन पत्र दाखिल कराया है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख से ठीक एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ने उच्च शिक्षा विभाग में सरकारी सेवा में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी को प्रत्याशी तो बनाया लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार न होने के कारण पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन जमा करवाया गया है।

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टिकट की प्रबल दावेदार

आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली रंजना बघेल भी राज्यसभा की टिकट की प्रबल दावेदार रही हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा की दूसरी सूची में डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी का नाम देखकर लोग चौंक गए थे। बाद में मालूम पड़ा कि सोलंकी के नाम की सिफारिश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा की गई थी।

वनवासी कल्‍याण आश्रम के लिए किया है काम

सोलंकी ने शासकीय सेवा में आने से पहले वनवासी कल्याण आश्रम के लिए लंबे समय तक काम किया है इसलिए भाजपा में नई पीढी का नया चेहरा आगे ब़़ढाने के उद्देश्य से सोलंकी को राज्यसभा भेजा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सोलंकी ने अपना इस्तीफा तो सौंप दिया है लेकिन अब तक उसे स्वीकार नहीं किया जा सका है।

राजपत्रित पद पर कार्यरत होने के कारण सोलंकी का इस्तीफा राज्य सरकार यानी उच्च शिक्षा मंत्री के अनुमोदन से ही स्वीकार किया जा सकता है। इधर, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी इन दिनों बेंगलुर पुलिस की अभद्रता से बेहद नाराज हैं। संभावना है कि 16 मार्च तक इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ तो सोलंकी का नामांकन रद्द भी हो सकता है।

नामांकन पत्रों की छंटनी के दौरान नियमानुसार सभी दस्तावेज देखें जाएंगे। इस्तीफा स्वीकार होने का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इसे छंटनी के दिन तक जमा करवा सकते हैं।

एपी सिंह, प्रमुख सचिव, मप्र विधानसभा

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