राजनाथ ने कहा, नागरिकता कानून पर फैलाई जा रही अफवाह को जल्द दूर करेंगे
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने असम के एक प्रतिनिधिमंडल से साफ कर दिया कि नागरिकता कानून संशोधन बिल असम और पूर्वोत्तर के लिए नहीं है, बल्कि इसका बोझ पूरा देश वहन करेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह पूर्वोत्तर की राज्य सरकारों को नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ फैलाये जा रहे अफवाह को दूर करने की कोशिश करेंगे। इसके लिए जल्द ही वे पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएंगे। असम के मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल और बोडो नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के बाद मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक का फैसला लिया गया है। बैठक में पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को बचाए रखने के लिए जरूरी उपायों पर चर्चा की जाएगी।
बुलाई जाएगी पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक
गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता कानून में संशोधन का विधेयक पास होने के बाद असम और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। इस मुद्दे पर असम गण परिषद राजग से बाहर हो गई है। यहां तक कुछ मुख्यमंत्रियों ने भी नागरिकता कानून में प्रस्तावित संशोधनों पर आपत्ति जताई है। विधेय में में 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताडि़त होने के बाद भारत आए वहां के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ पूर्वोत्तर में हो रहे हैं प्रदर्शन
दरअसल मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में असम के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजनाथ सिंह से मुलाकात कर नागरिकता कानून संशोधन विधेयक और उससे उपजी स्थिति के बारें अवगत कराया। इसके अलावा बोडो नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अलग से राजनाथ सिंह से मुलाकात कर गृहमंत्री के सामने अपनी आशंकाओं का रखा।
राजनाथ सिंह ने उन्हें साफ कर दिया कि यह विधेयक असम और पूर्वोत्तर के लिए नहीं है। बल्कि इसका बोझ पूरा देश वहन करेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को बचाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर में कई तरह से भ्रांतियां फैलाई जा रही है और सरकार को इसे दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए। इसके बाद ही पूर्वोत्तर के सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का फैसला लिया गया।