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Emergency in India: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपातकाल को बताया भारतीय इतिहास का 'काला अध्याय'

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1975 में लागू किया गया आपातकाल भारतीय इतिहास का काला अध्याय है। इसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को इस दिन संविधान और संस्थाओं की गरिमा बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए।

By Achyut KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 11:09 AM (IST)
Emergency in India: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपातकाल को बताया भारतीय इतिहास का 'काला अध्याय'
आपातकाल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने शनिवार को 47 साल पहले घोषित किए गए आपातकाल को देश के इतिहास में एक 'काला अध्याय (Dark Chapter)' करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, '47 साल पहले भारत में आपातकाल लगाना इस देश के इतिहास का ऐसा काला अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस दिन सभी भारतीयों को न केवल लोकतंत्र की रक्षा के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए, बल्कि संविधान और संस्थाओं की गरिमा बनाए रखने के लिए एक संकल्प भी लेना चाहिए।'

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1975 में 21 महीने के लिए लगाया गया आपातकाल

गौरतलब है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल घोषित किया गया था। मौजूदा 'आंतरिक अशांति' के कारण संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) द्वारा आधिकारिक तौर पर इसे जारी किया गया था। आपातकाल 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 को वापस लेने तक प्रभावी था। आदेश ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को डिक्री द्वारा शासन करने, चुनावों को निलंबित करने और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का अधिकार दिया।

इस वजह से लगाया गया आपातकाल

आपातकाल लगाने का अंतिम निर्णय इंदिरा गांधी द्वारा प्रस्तावित किया गया था। राष्ट्रपति द्वारा इस पर सहमति व्यक्त की गई थी। उसके बाद कैबिनेट और संसद द्वारा (जुलाई से अगस्त 1975 तक) इसकी पुष्टि की गई थी। आपातकाल को लागू करने का कारण भारत के लिए आसन्न आंतरिक और बाहरी खतरों को बताया गया था। आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद कालखंडों में से एक माना जाता है।


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