गृहमंत्री राजनाथ सिंह की रेलवे को सलाह, ट्रेनों में हो ऑनलाइन एफआइआर
राजनाथ ने कहा कि स्टेशनों और ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे हर कहीं आरपीएफ की मौजूदगी महसूस हो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रेलवे से कहा है कि वो यात्रियों को ऐसी ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराए ताकि जरूरत पड़ने पर यात्री सफर के दौरान ट्रेन से ही एफआइआर करा सकें। राजनाथ ने रेलवे सुरक्षा बल को लोगों के साथ संवेदनशील होने तथा मित्रवत बर्ताव करने की सलाह भी दी।
रेल सुरक्षा पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राजनाथ ने कहा अभी रेल यात्रियों के लिए ऑनलाइन एफआइआर दर्ज करने की कोई सुविधा नहीं है। ट्रेन से सफर के दौरान यदि किसी यात्री के साथ कोई वारदात हो जाती है तो एफआइआर दर्ज कराने के लिए उसे जीआरपी थाने जाना पड़ता है। इसके बाद यह एफआइआर संबंधित राज्य और जिले का चक्कर काटते हुए संबंधित पुलिस थाने में पहंुचती है। ऐसे में इस बात की कोई गारंटी नहीं कि व्यक्ति को न्याय मिलेगा। ये सारी दिक्कत रेलवे में इलेक्ट्रानिक रूप में एफआइआर दर्ज कराने की सुविधा न होने के कारण है।
राजनाथ ने रेलवे अधिकारियों को इस मसले पर चर्चा करने तथा निर्णय लेने की सलाह दी। उन्होंने भरोसा दिया कि राज्य पुलिस के साथ समन्वय के लिए तैयार किए गए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के जरिए उनका मंत्रालय इसमें रेलवे की हर संभव सहायता करेगा। इस सिस्टम के तहत कोई भी नागरिक अपनी एफआइआर ऑनलाइन दर्ज करा सकता है। गृहमंत्री ने कहा कि वे देखेंगे कि क्यों रेल यात्रियों द्वारा दर्ज कराई गई ऑनलाइन एफआइआर का सीसीटीएनएस के साथ एकीकरण किया जा सकता है। सम्मेलन में मौजूद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने गृहमंत्री के सुझाव पर अमल का भरोसा दिया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार रेल यात्रियों द्वारा हर वर्ष चोरी के तकरीबन 24 हजार मामले दर्ज कराए जाते हैं। इस अवसर पर गृहमंत्री ने आरपीएफ को यात्रियों के साथ बेहतर ढंग से पेश आने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि वैसे तो यह उम्मीद सभी पुलिस कर्मियों से की जाती है। लेकिन हम आपका ध्यान भी इस ओर दिला रहे हैं। स्टेशनों और ट्रेनों में सामान की तलाशी का तौरतरीका बदलने की जरूरत भी बताते हुए राजनाथ ने कहा कि अभी जिस तरीके से सामान की तलाशी ली जाती है उससे लोग बेइज्जती महसूस करते हैं। ऐसा न हो इसके लिए कोई उपाय खोजा जाना चाहिए।
राजनाथ ने कहा कि स्टेशनों और ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे हर कहीं आरपीएफ की मौजूदगी महसूस हो। ट्रेनों में नियमित पेट्रोलिंग होनी चाहिए। जबकि अभी यह यदा-कदा होती है। इसका हल निकाले जाने की जरूरत है। उन्होंने अवांछित घटनाओं को रोकने के लिए 'स्थिति विशेष' पर आधारित मानक कार्य प्रक्रियाओं (एसओपी) को अपनाए जाने की सलाह दी। रेलवे का विशाल नेटवर्क है। ट्रेने नक्सल प्रभावित इलाकों से भी गुजरती हैं। आतंकी हमले का डर भी हो सकता है। ऐसे में उस खास जगह एवं स्थिति के अनुसार विशिष्ट मानक कार्य प्रक्रिया होनी चाहिए, ताकि पुलिस तदनुसार सटीक कार्रवाई कर सके।