'नई संसद लोकतंत्र का प्रतीक, बहिष्कार के फैसले पर विचार करें विपक्षी दल' राजनाथ सिंह की अपील
New Parliament Building केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों से नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के फैसले पर विचार करने की अपील की है। बता दें विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समाहोर के बहिष्कार का एलान किया है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। देश में 28 मई का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। इस रविवार को पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे। हालांकि, 20 से ज्यादा दलों ने उद्घाटन समारोह का विरोध किया है। उनका कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नहीं, बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए।
एनडीए की तरफ से बुधवार रात एक बयान जारी कर विपक्षी दलों के बहिष्कार के कदम की आलोचना की गई थी। वहीं, अब केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी विपक्षी दलों को सलाह दी है। उन्होंने कहा,
28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन होने जा रहा है। कोई भी इसका राजनीतिकरण न करे, नई संसद लोकतंत्र का प्रतीक है और सभी भारतीयों की आकांक्षा है। संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला करने वाली सभी पार्टियों से मेरी अपील है कि वे अपने फैसले पर फिर से विचार करें।
#WATCH | The new building of the Parliament is going to be inaugurated on 28th May. No one should politicise this, the new Parliament is a symbol of democracy and the aspiration of all Indians. It is my appeal to all parties who have decided to boycott the inauguration of the… pic.twitter.com/gogvDIBfCv
— ANI (@ANI) May 26, 2023
संजय राउत ने बोला हमला
उधर, शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि यह राष्ट्रपति और संविधान के सम्मान का मामला है। राष्ट्रपति को कोई निमंत्रण नहीं दिया गया, पूर्व राष्ट्रपति को भी नहीं... क्यों? ये किसी पार्टी का कार्यक्रम नहीं है।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी विपक्षी दलों से फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील कर चुकी हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है। राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने की कांग्रेस की मांग पर सीतारमण ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा का उद्घाटन राज्यपाल के बजाय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया था। तेलंगाना के राज्यपाल सौंदराराजन ने कहा कि जब मुख्यमंत्री (केसीआर) ने विधानसभा परिसर का उद्घाटन किया था तो उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था।