राजनाथ बोलें - चार सालों में सुदृढ़ हुई आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था
विजय दिवस पर वेटरंस इंडिया द्वारा आयोजित किया स्थापना दिवस समारोह में गृह मंत्री ने कहा, नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 90 से घटकर 12 हो गई।
नई दिल्ली,जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 90 से घटकर 12 हो गई है, जबकि पूर्वोत्तर में होने वाले विद्रोह में 80 फीसद की गिरावट आई है।
विजय दिवस पर रविवार को शहीदों की याद में एनसीसी ऑडिटोरियम, परेड ग्राउंड, दिल्ली कैंट में आयोजित वेटरंस इंडिया के स्थापना दिवस व सम्मान समारोह में गृह मंत्री ने कहा कि भारत-पाक सीमा की रक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम के उल्लंघन किए जाने की स्थिति में प्रभावी ढंग से बदला लेने की पूरी छूट दी गई है।
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक युवाओं के बीच राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान, प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा को याद करते हुए कहा कि आज कुछ युवाओं के पास आदर्श के रूप में क्रिकेटरों और फिल्म सितारों के नाम हैं लेकिन यदि उनसे कोई परमवीर चक्र विजेता का नाम पूछे तो वे शायद ही बता सकें।
सिंह ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने 1971 में साबित किया कि उनके पास इतिहास को फिर से लिखने और मानचित्रों को फिर से बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुनिया से पहले पेशेवर मॉडल के रूप में उभरी है।
उन्होंने कहा कि वेटरंस इंडिया देश के नौजवान में राष्ट्रीय स्वाभिमान, राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति को बढ़ा रहा है। गृह मंत्री ने कहा, शहीदों के परिजनों के लिए मैं एक महीने का वेतन वेटरंस इंडिया फंड में जमा करूंगा।
वेटरंस इंडिया अध्यक्ष विनय कुमार मिश्रा ने कहा कि संगठन पूरे देश में हर व्यक्ति के मन में राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति की सोच पैदा कर उसे राष्ट्र निर्माण में लगाने के लिए एक योजना तैयार करेगा, जो एनसीसी, डिजास्टर मैनेजमेंट, स्काउट एंड गाइड, राष्ट्रवाद एवं देशभक्ति की सोच का मिश्रण होगा। कार्यक्रम में रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बक्शी के अलावा 1971 के युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए योद्धाओं एवं शहीदों के परिजन मौजूद रहे।