सेना में अब नहीं होगी बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी, सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम
राजनाथ ने कहा कि वर्ष 2009 में देश में 353755 बुलेटप्रूफ जैकेट की कमी थी लेकिन लंबे समय तक कोई खरीदारी नहीं की गई।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार अप्रैल 2020 तक 639 करोड़ की लागत से 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदेगी। यह जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में सोमवार को दी। पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने के लिए उपयोग होने वाले कच्चे माल के चीन से आयात पर किसी तरह की रोक नहीं है, लेकिन इसके निर्माण में 30 फीसद स्वेदशी सामग्री का प्रयोग किया जाना आवश्यक है। यदि कोई आपूर्तिकर्ता टेंडर के नियमों का उल्लंघन करता है उसे अयोग्य भी ठहराया जा सकता है।
36 महीनों में की जाएगी आपूर्ति
राजनाथ ने कहा कि वर्ष 2009 में देश में 3,53,755 बुलेटप्रूफ जैकेट की कमी थी, लेकिन लंबे समय तक कोई खरीदारी नहीं की गई। अप्रैल 2016 में 1,86,138 जैकेटों की खरीद का आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी किया गया था। इसके बाद नौ अप्रैल 2018 को टेंडर आमंत्रित किए गए। राजनाथ ने कहा कि 638.97 करोड़ रुपये की लागत से 1.86 लाख जैकेटों की खरीद होनी है। इनकी आपूर्ति 36 महीनों में की जानी है। किसी भी हालत में आठ अप्रैल 2020 तक आपूर्ति पूरी की जानी है।
जैकेट में ताइवान और चीन की सिंथेटिक रबर का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि महानिदेशालय गुणवत्ता आश्वासन स्थापना (डीजीक्यूए) की जांच के बाद अब तक 10,000 हजार बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदी जा चुकी हैं। इस साल आठ अक्टूबर तक इस तरह की 37,000 जैकेट को खरीदा जाना है। सिंह ने कहा कि जैकेटों के निर्माण में प्रयोग होने वाले सिंथेटिक रबर के आयात की सूची में चीन और ताइवान को भी शामिल किया गया है। बुलेट प्रूफ जैकेट की खरीद के टेंडर में कच्चा माल कहां से खरीदा जाना है, इसके विषय में कोई नियम नहीं है।
दिव्यांग कर्मियों के न्यायोचित लाभ को कम करने की कोई योजना नहीं
राजनाथ ने सदन को यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार के पास दिव्यांग कर्मियों को प्रदान किए गए न्यायोचित लाभों को कम करने की कोई योजना नहीं है। रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैं सदन को स्पष्ट करना चाहता हूं कि दिव्यांग सैन्य कर्मियों को मिलने वाले न्यायोचित लाभ को कम नहीं किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि हाल के सर्कुलर के बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से स्पष्टीकरण मांगा गया है।