रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग के निवेश को बढ़ावा देने के पक्ष में सरकार: राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग के निवेश को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र के PSU एवं आयुध निर्माण बोर्ड (ओएफबी) को सुदृढ़ करने की इच्छुक है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा उद्योग में निवेश को आकर्षित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में निजी उद्योग के निवेश को बढ़ावा देने की इच्छा जताई है। रक्षा एवं एयरोस्पेस उद्योग जगत के दिग्गजों के साथ राउंड टेबल बातचीत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग के निवेश को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसयू) एवं आयुध निर्माण बोर्ड (ओएफबी) को सुदृढ़ करने की इच्छुक है।
रक्षा उत्पादन विभाग की ओर से 'रक्षा उद्योग में मेक इन इंडिया' थीम पर आयोजित राउंड टेबल वार्ता में राजनाथ सिंह ने यहां बताया कि भारतीय रक्षा उद्योग के उत्पादन ने वर्ष 2018-19 में 80,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छुआ है, जिनमें से 16,000 करोड़ रुपये का योगदान निजी क्षेत्र की ओर से हुआ है।
रक्षा मंत्री ने कंपनियों से कहा कि रक्षा निर्माण से जुड़ी बुनियादी ढ़ांचागत सुविधाओं को प्रबल रुप देने के लिए रणनीतिक साझेदारी मॉडल को सरकार ने अपनाया है, जिनके माध्यम से भारतीय कंपनियां प्रतिस्पर्धी एवं पारदर्शी प्रक्रिया के जरिए एक साझेदार का चयन कर सकती हैं।
उन्होंने यहां बताया कि रक्षा क्षेत्र में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति को उदार बनाया गया है। राजनाथ सिंह ने निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि रक्षा कंपनियों के पास निर्यात के अलावा घरेलू बाजार में उल्लेखनीय योगदान करने के भी असीम अवसर मौजूद हैं।
ऑफसेट प्रोसेसिंग का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि मंत्रालय ने एक संपूर्ण ऑफसेट प्रोसेसिंग पोर्टल की स्थापना की है जिसके जरिए 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के प्रस्तावों की प्रोसेसिंग की गई। सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए प्रवेश संबंधी बाधाएं कम कर दी गई हैं जिसके परिणामस्वरूप जारी किए गए रक्षा लाइसेंसों की संख्या वर्ष 2014 के 215 से दोगुनी से भी ज्यादा बढ़कर वर्ष 2019 में 440 हो गई है।
रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने उद्योग जगत से मित्र देशों को निर्यात बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि निर्यात प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है और वर्ष 2016 में रक्षा खरीद प्रक्रिया को संशोधित किया गया, ताकि स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।
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