राजनाथ सिंह बोले, निहित स्वार्थों के चलते कृषि कानूनों को लेकर भ्रम का माहौल पैदा किया गया
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था। वर्ष 2017 में लिया गया यह आसाधारण संकल्प था। इसे पूरा करने में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। निहित स्वार्थों के चलते देश में कृषि कानूनों को लेकर भ्रम का माहौल पैदा किया गया है। सरकार इन कानूनों पर खुलकर बात करने और जरूरत पड़ने पर संशोधन के लिए भी तैयार है। भ्रम फैलाने कहा गया कि मंडी खत्म हो जाएगी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बंद हो जाएगा। किसानों की जमीन गिरवी रख दी जाएगी। जबकि, कृषि कानून देश के आम किसानों को उपज का वाजिब मूल्य दिलाने और कहीं भी फसल बेचने की आजादी देने के लिए बनाए गए हैं। नई व्यवस्था में सौदा किसान की उपज का होगा न कि जमीन का। यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के जलाभिषेकम् कार्यक्रम में जल संरचनाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण करते हुए कही।
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi की प्रेरणा से हम जनता को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।'जलाभिषेकम्' के अंतर्गत जहाँ एक ओर रोज़गार के नए अवसर सृजित हुए हैं,वहीं ग्रामीण अधोसंरचना का भी विकास हुआ है।प्रदेश की जनता की ओर से आपके प्रति आभार प्रकट करता हूँ। https://t.co/OsZfEXwV0G" rel="nofollow
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 11, 2021
रक्षा मंत्री ने मध्य प्रदेश में जलाभिषेकम् कार्यक्रम में किया जल संरचनाओं का लोकार्पण
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था। वर्ष 2017 में लिया गया यह आसाधारण संकल्प था। इसे पूरा करने में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने संसद में साफ कहा है कि एमएसपी था, है और रहेगा। मंडी व्यवस्था भी कायम रहेगी। इसके बावजूद किसानों के एक समूह को गुमराह किया गया है। जबकि, हमारी सरकार के निर्णयों के चलते आम किसानों के मन में आत्मविश्वास पैदा हो रहा है। कोरोना संकट के दौरान इसी आत्मविश्वास के चलते देश के किसानों ने रिकॉर्ड फसल उत्पादन किया है।