क्रिकेटर आफरीदी सही कह रहे हैं, अपना देश तो संभल नहीं रहा कश्मीर क्या संभालेंगे: राजनाथ
उन्होंने कहा कि शाहिद ने ठीक कहा कि वो पाकिस्तान नहीं संभाल पा रहे हैं तो कश्मीर क्या संभाल पाएंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अंग था, है और आगे भी रहेगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफ़रीदी की ओर से कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वे सही बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शाहिद ने ठीक कहा कि वो पाकिस्तान नहीं संभाल पा रहे हैं तो कश्मीर क्या संभाल पाएंगे। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अंग था, है और आगे भी रहेगा।
बता दें कि लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में अफरीदी ने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर की जरूरत नहीं है, वह अपने ही चार प्रांत संभालने में सक्षम नहीं है। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर की जरूरत नहीं है, लेकिन इसे भारत को भी न दिया जाए। कश्मीर को एक अलग देश बनाया जाए। अफरीदी ने कहा कि वहां (कश्मीर में) मर रहे लोगों को मरना नहीं चाहिए, मानवता जिंदा रहनी चाहिए। वहां लोगों को मरते देखना बेहद कष्टदायी है।
मामला बढ़ने पर दी सफाई
बयान मीडिया में छा जाने के बाद शाहिद अफरीदी ने सफाई देते हुए ट्वीट किया कि भारतीय मीडिया ने उनके बयान को गलत समझा है। उन्होंने लिखा कि वह अपने देश को लेकर बेहद भावुक हैं और कश्मीरियों के संघर्ष की बहुत कद्र करते हैं। वहां मानवता की रक्षा होनी चाहिए और कश्मीरियों को उनके अधिकार मिलने चाहिए।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
बता दें कि शाहिद अफरीदी ने कश्मीर मसले पर पहली बार बयान नहीं दिया है। इससे पहले भारत में हुए पिछले टी-20 विश्वकप में एक मैच के दौरान उन्होंने कहा था, 'हमें सपोर्ट करने के लिए कई लोग कश्मीर से भी आए थे, मैं उनका धन्यवाद करता हूं।' शाहिद के इस बयान पर बवाल भी मचा था। शाहिद कश्मीर की आजादी के समर्थन में काफी ट्वीट कर चुके हैं।
2017 में उन्होंने ट्वीट किया था कि कश्मीर एक जन्नत है जो काफी समय से हिंसा का शिकार होती आई है, अब समय है कि इस मुद्दे को सुलझाया जाए। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'आई स्टैंड विद कश्मीर, कश्मीर सॉलिडेरिटी डे।' उन्होंने लिखा था, 'भारत के कब्जे वाले कश्मीर में स्थिति नाजुक होती जा रही है। वहां आजादी की आवाज को दबाया जा रहा है और बेगुनाहों को मारा जा रहा है। यह देखकर हैरानी हो रही है कि अभी तक संयुक्त राष्ट्र कहां है? संयुक्त राष्ट्र इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है?'