Move to Jagran APP

भारत को हथियारों की सप्लाई तेज करेगा इजरायल, राजनाथ ने इजरायली समकक्ष से की बात

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने इजरायली समकक्ष बेनी गैंट्ज के साथ टेलीफोन पर बातचीत की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 03:30 AM (IST)
भारत को हथियारों की सप्लाई तेज करेगा इजरायल, राजनाथ ने इजरायली समकक्ष से की बात

नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्वी लद्दाख में चीनी अतिक्रमण से पैदा हुए सैन्य तनाव के बीच इजरायल ने भारत को हथियारों की आपूर्ति तेज करने के साथ ही अस्त्र-शस्त्रों के निर्माण की साझेदारी को और गति देने पर सहमति जताई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और इजरायली रक्षामंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बेंजामिन गांज के बीच शुक्रवार को फोन पर हुई बातचीत में भारत-इजरायल रक्षा सहयोग की मजबूती को नई गति देने पर बातचीत हुई। समझा जाता है कि इजरायली रक्षामंत्री और राजनाथ के बीच लद्दाख में चीनी घुसपैठ से पैदा हुए हालात को लेकर भी मंत्रणा हुई।

loksabha election banner

दोनों रक्षा मंत्रियों की बातचीत में चीन के घुसपैठ की चर्चा को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बात नहीं कही गई। हालांकि सूत्रों ने बताया कि राजनाथ और गांज ने लद्दाख में चीनी सैनिकों के घुसपैठ और भारत की जवाबी रणनीति समेत तनाव घटाने के लिए की जा रही पहल सरीखे सभी बिंदुओं पर गंभीर चर्चा की।

इस दौरान राजनाथ ने इजरायली रक्षामंत्री को भारत आने का न्योता दिया जिसे उन्होंने तत्काल स्वीकार करते हुए कहा कि वे जल्दी ही भारत का दौरा करेंगे। राजनाथ-गांज की इस वार्ता का मुख्य फोकस रक्षा सहयोग और साझेदारी के मुद्दों पर ही रहा। सीमा पर तनाव को देखते हुए भारत अपनी रक्षा जरूरतों और हथियारों की खरीद को तेज कर चुका है। इजरायल से कई अहम रक्षा उपकरणों और हथियारों की आपूर्ति होनी है। दोनों रक्षा मंत्रियों ने इस आपूर्ति की गति बढ़ाने पर परस्पर सहमति जताई।

भारत और इजरायल के बीच रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा प्रगति पर भी दोनों ने संतोष जाहिर किया और रक्षा सहयोग को दूसरे अन्य क्षेत्रों में और मजबूत करने की संभावनाओं पर भी चर्चा की। रक्षा क्षेत्र को खोलने के लिए भारत के विदेशी निवेश और उदारीकरण के नए लचीले नियमों के कदमों का हवाला देते हुए राजनाथ ने इजरायली रक्षा कंपनियों को रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आने का न्योता भी दिया। दोनों ने कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए शोध और विकास के मौजूदा संयुक्त सहयोग की दिशा पर भी संतोष जाहिर किया।

दरअसल, सरकार की ओर से दी गई आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत भारतीय सेना इजरायल से हेरोन निगरानी ड्रोन और स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों के लिए ऑर्डर देकर अपनी निगरानी क्षमताओं और मारक क्षमता को बढ़ाने पर विचार कर रही है। पिछले साल बालाकोट हवाई हमले के बाद स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत खरीद हुई थी। मालूम हो कि हेरोन निगरानी ड्रोन पहले से ही भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना में शामिल है। लद्दाख क्षेत्र में सेना और वायु सेना दोनों ही बड़े पैमाने पर इसका इस्‍तेमाल कर रही है। 

उल्‍लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन एक बार फिर चालबाजी पर उतर आया है। पिछले दस दिनों के भीतर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अधिकांश विवादग्रस्त इलाकों से चीनी सैनिकों की वापसी नहीं हुई है। कुछ जगहों से हुई है तो वह भी बेहद कम। बीते 15 जून, 2020 को दोनो सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एक अलग वार्ता एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई थी। लेकिन चीन के मौजूदा रुख से तनाव खत्म करने के लिए सैनिकों की वापसी को लेकर जो सहमति बनी थी उसके अमल पर भी सवालिया निशाना लग गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.