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नक्सलियों का जवाब देगी बस्तरिया बटालियन, जाने क्यों है खास

राजनाथ सिंह ने कहा कि बस्तरिया बटालियन न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में अपनी सेवाएं देगी।

By Arti YadavEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 10:47 AM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 10:47 AM (IST)
नक्सलियों का जवाब देगी बस्तरिया बटालियन, जाने क्यों है खास
नक्सलियों का जवाब देगी बस्तरिया बटालियन, जाने क्यों है खास

अंबिकापुर (एएनआइ)। राजनाथ सिंह सीआरपीएफ के इस बस्तरिया बटालियन के पहले बैच के पासिंग आउट कार्यक्रम में शामिल हुए। मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बस्तरिया बटालियन न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में अपनी सेवाएं देगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में 261 बस्तरिया बटालियन के पासिंग आउट परेड में कहा, 'नक्सलवाद एक चुनौती है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि यह खतरा अब घट रहा है और अपनी जमीन खो रहा है। सुरक्षा बलों के हताहत होने वाली घटनाओं में कमी आई है।'

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बस्तारिया बटालियन में 543 जवान हैं, जिसमें 189 महिलाएं शामिल हैं। पासिंग आउट परेड के बाद सीआरपीएफ की इस बटालियन की तैनाती नक्सल बेल्ट में की गई। बटालियन को सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में तत्काल नक्सल रोधी अभियानों में शामिल किया जाएगा। इन रंगरूटों का चयन अविभाजित बक्सर क्षेत्र के सुकमा, दंतेवाड़ा , नारायणपुर और बीजापुर जिलों से किया गया है।

केंद्र सरकार ने पिछले साल ‘बस्तरिया' बटालियन शुरू करने को मंजूरी दी थी। बटालियन के गठन का मकसद बेरोजगारी जैसे स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना, अभियानों, खुफिया जानकारी जुटाने और भाषा संबंधी लाभ के संबंध में सीआरपीएफ को रणनीतिक बढ़त देना है।

देश की सीमा में घुसने वाले दुश्मन का होगा सफाया

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को मध्य प्रदेश के सतना के कोठी में कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है, इसलिए मैं सीना ठोककर कह रहा हूं कि देश की सीमा पर प्रवेश करने वालों (आतंकियों) का एक-एक कर सफाया किया जाएगा। मैं देशवासियों का मस्तक झुकने नहीं दूंगा। यदि दुश्मनों ने एक गोली चलाई तो हमारे जवानों की गोलियों को गिना नहीं जाएगा। वह रविवार को अमर शहीद ठा. रणमत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा इस आशय की एडवाइजरी जारी की जा रही है कि जिस गांव में शहीद हों, सेनानी हों, बलिदानी हों, उन लोगों के नाम पर पंचायत भवन, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों के नाम रखे जाएं।


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