राजनाथ ने कहा- एएन-32 विमान अब भी उड़ने लायक, दुर्गम पहाड़ी इलाकों में है इनकी जरूरत
अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 विमान की दुर्घटना बेशक दुखद है मगर इसका मतलब यह नहीं कि सारे एएन-32 विमान उड़ान के लायक नहीं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 विमान की दुर्घटना बेशक दुखद है मगर इसका मतलब यह नहीं कि सारे एएन-32 विमान उड़ान के लायक नहीं। उन्होंने कहा अभी 118 एएन-32 विमान पूरी तरह उड़ान भरने के लायक हैं और जरूरत के हिसाब से पहाड़ी दुर्गम इलाकों में इस विमान की जरूरत है।
रक्षामंत्री ने कहा कि अरुणाचल में हाल में हुए एएन-32 विमान दुर्घटना की कोर्ट आफ इंक्वायरी जांच चल रही है और रिपोर्ट आने पर जरूरी सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे। गौरतलब है कि बीते दिनों पायलट और क्रू समेत 13 लोगों को लेकर उड़ान भरने के बाद यह विमान लापता हो गया। कई सप्ताह की व्यापक खोज के बाद भी अभी तक इसके मलबे का कुछ भी अता-पता नहीं चला है।
राजनाथ सिंह ने इस विमान की उड़ान क्षमता को लेकर राज्यसभा में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 118 एएन-32 विमानों में से 55 विमानों का अपग्रेडेशन भी किया गया है। इन विमानों को पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही उड़ान की इजाजत दी जाती है।
उन्होंने कहा कि जो विमान हाल में अरुणाचल में लापता होकर दुघर्टनाग्रस्त हुआ वह भी उड़ान भरने में पूरी तरह सक्षम था। इन विमानों की उपयोगिता को लेकर उठाए सवालों पर रक्षामंत्री ने कहा कि दुर्गम पहाड़ी इलाकों में इनकी जरूरत है क्योंकि ये कम उंचाई पर उड़ सकते हैं। साथ ही दुर्गम पहाडि़यों में बड़े विमानों की उड़ान मुश्किल है और इसमें एएन-32 बिल्कुल मुफीद हैं।
राजनाथ ने यह बात भी स्वीकार की कि अरुणाचल सरीखे पहाड़ी इलाकों में बीते कुछ सालों में विमान दुर्घटना के ऐसे 34 मामलों की कोर्ट आफ इंक्वायरी जांच हुई है जिसमें 27 की रिपोर्ट भी आ गई है और इनके आधार पर जरूरी सुधारात्मक कदम भी उठाए गए हैं।