Rajasthan Political Crisis: जानें, राजस्थान से पहले स्पीकर के फैसले के खिलाफ मामले कब-कब कोर्ट पहुंचे
राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम और विधानसभा के मौजूदा हालात को लेकर कोर्ट में मामला जाना कोई नया नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों में ऐसे हालात बने और मामला कोर्ट में पहुंचे हैं।
नरेन्द्र शर्मा,जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में सियासी घमासन सोमवार को 11वें दिन भी जारी है। सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती व जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ में सुनवाई हो रही है। पायलट और उनके समर्थक विधायकों का कहना है कि सदस्यता निरस्त करने को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दिया गया नोटिस सही नहीं है। राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम और विधानसभा के मौजूदा हालात को लेकर कोर्ट में मामला जाना कोई नया नहीं है। इससे पहले भी कई राज्यों में राजस्थान जैसे हालात बने और मामला कोर्ट में पहुंचा। विधानसभा अध्यक्ष के फैसलों को लेकर भी कोर्ट में सवाल उठे हैं।
इन राज्यों का ताजा घटनाक्रम कोर्ट में पहुंचा
मार्च में कमलनाथ सरकार गिरी
इसी साल मार्च में मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों सहित 22 विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रियों के इस्तीफे तो स्वीकार कर लिए, लेकिन शेष 16 विधायकों के इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं दिया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने के निर्देश दिए। हालांकि, फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए गए और कमलनाथ सरकार गिर गई।
पिछले साल कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार गिर गई
पिछले साल कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार गिर गई। सियासी संकट के बीच कुमारस्वामी को 24 जुलाई,2019 को विश्वास मत हासिल करना था,लेकिन ऐसा नहीं हो सका और सरकार गिर गई। कर्नाटक में 15 विधायकों ने इस्तीफे दिए थे,जिन्हे विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया था। आखिरकार मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।
मणिपुर का राजनीतिक संकट भी काफी चर्चा में
मणिपुर का राजनीतिक संकट भी आजकल काफी चर्चा में है। कांग्रेस के नेता बार-बार मध्यप्रदेश और मणिपुर का हवाला देते हैं। मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्यता याचिका पर निर्णय नहीं लेने से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट ने वनमंत्री टी.श्यामकुमार को पद से हटाने के साथ ही उनके विधानसभा में प्रवेश पर रोक लगा दी थी ।