जागरण राउंड टेबल: इस साल के अंत तक शुरू होगी बुलेट ट्रेन परियोजना: पीयूष गोयल
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे को लेकर जनता में अवधारणा और बदलती दिशा पर लंबी बात की।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दैनिक जागरण की संपादकीय टीम के साथ केंद्र में वर्तमान में रेल और कोयला के साथ साथ वित्त जैसे अहम मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे पीयूष गोयल रेलवे को लेकर जनता में अवधारणा और बदलती दिशा पर लंबी बात की। पेश है एक अंशः--
प्रश्न : चौकीदार रहित रेलवे क्रासिंगे दुर्घटना का बड़ा कारण हैं। अनेक दावों के बाद भी इन्हें अब तक खत्म नहीं किया जा सका है। क्या आप इन्हें खत्म कर पाएंगे?
उत्तर : देखिए सुरक्षा हमारी सर्वप्रमुख प्राथमिकता रही है। मुझे याद है सितंबर, 2017 में जब मैं रेलमंत्री बना था, तो सबसे पहले रेलवे की टॉप टीम के साथ सेफ्टी के मुद्दे पर बैठक की थी। उस बैठक में मैंने कहा था कि 13 सितंबर, 2018 से पहले जो प्रमुख रूट हैं, उन सब पर सौ फीसद अनमैंड क्रांसिंगें खत्म हो जानी चाहिए। और यह काम सितंबर में पूरा होने जा रहा है। सामान्य तौर पर इस काम में 15 से 20 साल लगते। लेकिन हमने इसे इतने कम समय में कर के दिखाया है। पिछले साल हमने आंध्र प्रदेश में पांच घंटे में एक रेलवे अंडरपास बनाया था। इस बार साढ़े पांच घंटे में छह अंडरपास बनाए गए हैं।
प्रश्न : सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण की समस्याएं सामने आ रही हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में परियोजना का विरोध और आंदोलन हो रहे हैं। इससे लगता है कि परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पाएगी। क्या आप बताएंगे कि इसका निर्माण कार्य कब प्रारंभ होगा ?
उत्तर : मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य जारी है। 100 किलोमीटर रेल ट्रैक के लिए जॉट मेजरमेंट का कार्य पूरा हो चुका है। सभी गांव के विकास के लिए कई सामाजिक कार्य मसलन हॉस्पिटल, मोबाइल हेल्थ कार्ड आदि देने के लिए कई योजनाओं पर कार्य शुरू किए जा चुके हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए सिविल कार्य इस साल के अंत तक शुरू करने का डेडलाइन है।
इस परियोजना के बारे में जनता को गुमराह करने के निरंतर प्रयास किए जाते रहे हैं। मगर हम विकास कार्यों को पूरा करने की अपनी नीति पर अडिग हैं। हम जनता और सभी हितधारकों को भरोसा जीतने में भी कामयाब रहे हैं। हमने भूमि अधिग्रहण में सर्किल रेट से पांच गुने रेट पर भूमि खरीदने को प्राथमिकता दी है। रेलवे इन गांवों में अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाएं देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। जनता को भी भरोसा है कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट न केवल शहरों को जोडऩे का काम करेगा, बल्कि यह भारत की आर्थिक और प्रौद्योगिकी ताकत को बढ़ाने में भी सहायक साबित होगा। हमें इस वर्ष के अंत तक भूमि अधिग्रहण के साथ निर्माण कार्य आरंभ होने की उम्मीद है।
प्रश्न : स्टेशन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की चर्चा काफी समय से चर्र्चा हो रही है। लेकिन दो स्टेशनों को छोड़ कहीं काम शुरू नहीं हुआ। अभी प्रोजेक्ट की क्या स्थिति है ?
उत्तर : रेलवे स्टेशन यात्रियों का रेल के साथ पहला संपर्क केंद्र होता है। उसकी पिछले 70 सालों में अनदेखी की गई थी। एनडीए सरकार ने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए स्टेशनों को विकसित करने का निश्चय किया। पूरे देश में अनेक रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का कार्य विभिन्न एजेंसियों को दिया गया है। आरएलडीए, एनबीसीसी, इरकॉन, आइआरएसडीसी तथा राच्य सरकारें रेलवे स्टेंशनों को विकसित करने की प्रक्रिया में लगी हुई हैं। रेलवे के 68 मंडलों में हर एक में एक रेलवे स्टेशन को नामित किया गया है तथा तेजी के साथ अपग्रेडेशन शुरू किया गया है। लेकिन कुछ शर्तों के कारण, बहुत से डेवलपर्स आगे आने के इच्छुक नहीं थे। अत: हम नीति में संशोधन करने पर विचार कर रहे हैं। मुझे विश्वोस है कि इस वर्ष के अंत तक, हम अधिकांश बड़े रेलवे स्टेशनों का कार्य आरंभ कर पाएंगे।
प्रश्न- गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के विकास की क्या योजना है?
उत्तर- जनवरी 2014 से अब तक 50 आरसीसी बेंच उपलब्ध कराया गया है। स्टेशन की फर्श का उन्नयन किया गया है। पांच प्लेटफार्म के शेल्टर बदले गए हैं। स्टेशन के पास तीस हजार स्क्वैयर फुट क्षेत्र में पार्किंग बनाई जाएगी। यह दिसंबर 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा।
प्रश्न- हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन का विकास नहीं किया गया। सराय काले खां की ओर से आने जाने वाले यात्रियों को भारी भीड़ का सामना करना पड़ता है और भगदड़ जैसी स्थिति रहती है।
उत्तर- विकास के लिए सराय काले खां की ओर से जमीन चाहिए जो फिलहाल रेलवे के पास नहीं है। प्रयास जारी है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ने सराय काले खां के पास इंटरमोडव कनैक्टिविटी की योजना बनाई है। इससे काले खां स्टेशन आरआरटीएस(दिल्ली-मेरठ) मेट्रो और अंतरराज्यीय बस अड्डे से जुड़ जाएगा। उत्तरी रेलवे ने इसकी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।