राहुल नई टीम के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर 22 जुलाई को करेंगे चर्चा
अगले सियासी महासंग्राम की तैयारियों को देखते हुए ही कार्यसमिति में शामिल होने से वंचित रहे नेताओं को चुनावी टीमों में जगह दी जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस की नवगठित कार्यसमिति की पहली बैठक में 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की जाएगी। पार्टी की इस शीर्ष नीति निर्धारण संस्था में विपक्षी दलों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन के तौर-तरीके के अहम मसले पर भी मंथन किया जाएगा। अगले सियासी महासंग्राम की तैयारियों को देखते हुए ही कार्यसमिति में शामिल होने से वंचित रहे शशि थरूर, कपिल सिब्बल, जयराम रमेश जैसे चेहरों को अलग-अलग चुनावी टीमों में जगह दी जाएगी।
राहुल गांधी ने कांग्रेस की अपनी शीर्ष नीति निर्धारण टीम बनाने में पार्टी के अंदरुनी समीकरणों को साधने की कोशिश के साथ सियासी सर्तकता का भी ख्याल रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष की सर्तकता ही है कि कार्यसमिति में विवादास्पद बयान देने वाले नेताओं को जगह नहीं दी गई है। बताया जाता है कि शशि थरूर, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद और दिग्विजय सिंह सरीखे नेताओं को कार्यसमिति से बाहर रखने की एक बड़ी वजह विवादित बयानों से इनका नाता है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि हालांकि इसका अर्थ यह नहीं कि थरूर और जयराम सरीखे नेताओं को किनारा कर दिया गया है बल्कि कांग्रेस की चुनावी टीमों में इनकी काबिलियत के हिसाब उचित जगह दी जाएगी। कार्यसमिति के गठन के बाद राहुल अगले आम चुनाव के लिए कांग्रेस की अलग-अलग समितियों का भी गठन करेंगे। कपिल सिब्बल को कार्यसमिति में जगह नहीं मिलने पर पार्टी हलकों में थोड़ा अचरज जरूर है क्योंकि बीते चार साल में तमाम बड़े कानूनी मुद्दों पर वे पार्टी की तरफ से लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं।
कांग्रेस की शीर्ष टीम में हाईकमान के निकटस्थ लोगों को ही खास तवज्जो देने की धारणा बदलने के लिहाज से भी राहुल ने कार्यसमिति में दशकों से रहे कई पुराने दिग्गजों को बाहर कर दिया है। इसमें ऑस्कर फर्नाडीस जैसे नाम भी हैं जो गांधी परिवार खासतौर पर सोनिया गांधी के वफादार माने जाते हैं। इसी तरह डा कर्ण सिंह जैसे पुराने दिग्गज को भी कार्यसमिति में नहीं रखने के राहुल के फैसले को पार्टी में साहसिक कदम के रुप में देखा जा रहा है। कांग्रेस की नवगठित कार्यसमिति की पहली बैठक 22 जुलाई को होनी है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि औपचारिक एजेंडा अभी नहीं आया है मगर संकेतों से साफ है कि राहुल समिति के सदस्यों के साथ मौजूदा राजनीतिक हालत की समीक्षा करेंगे। साथ ही उनसे चुनाव की रणनीति को लेकर सुझाव भी मांगे जाएंगे।