Move to Jagran APP

CBI में घमासान पर भाजपा का पलटवार, आलोक वर्मा से ज्‍यादा रो रहे राहुल गांधी

सीबीआइ डायरेक्टर पद से आलोक वर्मा की छुट्टी कर दी गई है। रिश्वतखोरी और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के आधार पर उन्हें पद से हटाया गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 11:38 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 11:48 AM (IST)
CBI में घमासान पर भाजपा का पलटवार, आलोक वर्मा से ज्‍यादा रो रहे राहुल गांधी
CBI में घमासान पर भाजपा का पलटवार, आलोक वर्मा से ज्‍यादा रो रहे राहुल गांधी

नई दिल्‍ली, एएनआइ। सीबीआइ के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर राजनीति गर्म है। भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के आरोप पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्‍हा राव ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) मामले में राहुल गांधी आलोक वर्मा से ज्यादा रो रहे हैं, सीबीआई में असली जांच अगुस्टा वेस्टलैंड और अन्य रक्षा डीलों में जांच जारी है, उन्हें लगता है कि सीबीआइ सच तक पहुंच रही है, इसलिए वह सीबीआई मामले में दखल दे रही है।

loksabha election banner

वहीं, कांग्रेस पर हमला करते हुए भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा कि प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि कांग्रेस चिंतित है क्योंकि कांग्रेस गलत आरोप लगाने की कोशिश कर रही है। वे सीवीसी और उसकी जांच को गलत ठहराने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? संस्थाओं को खत्म करने और उन पर लगातार हमले जारी रखने वालों को प्रधानमंत्री या भाजपा को बेकार के उपदेश नहीं देने चाहिए।

गौरतलब है कि सीबीआइ डायरेक्टर पद से आलोक वर्मा की छुट्टी कर दी गई है। रिश्वतखोरी और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों के आधार पर उन्हें पद से हटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को सेलेक्शन कमेटी की बैठक में 2:1 से ये फ़ैसला लिया गया। पैनल में मौजूद पीएम मोदी और चीफ़ जस्टिस के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद जस्टिस एके सीकरी वर्मा को हटाने के पक्ष में थे।

ये फैसला आने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि राहुल गांधी ने मोदीजी के दिमाग में बैठा डर अब दिखने लगा है। वह सो भी नहीं सकते। उन्होंने भारतीय वायुसेना के 30 हजार करोड़ रुपये चुराकर अनिल अंबानी को दे दिए। लगातार दो बार सीबीआइ प्रमुख आलोक वर्मा को हटाने से साफ है कि वह अपने ही झूठ में फंस गए हैं। सत्यमेव जयते।

इसलिए हटाए गए आलोक वर्मा
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने आलोक वर्मा के खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार और कर्तव्यों में लापरवाही के आरोप लगाए थे। इसके समर्थन में सीवीसी ने गुप्तचर एजेंसी 'रॉ' द्वारा किए गए टेलीफोन इंटरसेप्शन का हवाला दिया था। अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय चयन समिति ने सीवीसी की रिपोर्ट पर विचार किया। समिति ने निदेशक पद से हटाने का फैसला सुना दिया। समिति के सदस्य को तौर पर प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि के तौर पर आए जस्टिस सीकरी ने एक मत से हटाने का फैसला लिया। जबकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया। वर्मा को बाकी बचे 21 दिनों के कार्यकाल के लिए फायर सर्विस का महानिदेशक बना दिया गया है। वर्मा की अनुपस्थिति में सीबीआइ निदेशक का कार्यभार संभालने वाले एम नागेश्वर नए निदेशक की नियुक्ति तक कार्यवाहक निदेशक के रूप में काम संभालेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.