राहुल बाबा, क्यों नहीं दिया पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के लिए अपनी सरकारों को ज्ञान
कर्नाटक सरकार ने लोगों पर टैक्स बढ़ाकर पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। टैक्स को लेकर पर मोदी सरकार से आए दिन इस्तीफा मांगने वाले राहुल गांधी के दोहरे रवैये को कर्नाटक के बजट ने उजागर कर दिया है। यहां पर कांग्रेस के समर्थन से चलने वाली सरकार ने लोगों पर टैक्स बढ़ाकर पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है। इससे लोगों को राहत मिलने के बजाय भारी बोझ पड़ा है। गुरुवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक बजट को लेकर ट्वीट किया था, जिसमें किसानों की कर्जमाफी के लिए कहा लेकिन पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी पर चुप्पी साध ली।
राहुल बाबा ने इससे पहले गुजरात चुनाव के दौरान जीएसटी टैक्स को गब्बर सिंह का नाम दिया था। उनका कहना था कि जीएसटी के कारण व्यापारी वर्ग कराह रहा है। जब देश में कांग्रेस की सरकार आएगी तो टैक्स स्लैब को 28 फीसद से कम करके 18 फीसद किया जाएगा। इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार को आए दिन ज्ञान देते रहते हैं। जिन राज्यों में उनकी सरकार है, वहां की सरकार लोगों को राहत देने के बजाय टैक्स बढ़ा देती है, जिसको लेकर वह कुछ भी नहीं कहते।
लगता है कि उनका यह ज्ञान सिर्फ केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा की राज्य सरकारों के लिए है, अपनी सरकारों के लिए नहीं। उनकी आलोचना सिर्फ आलोचना के लिए है, लोगों को राहत देने के लिए नहीं। इससे पूर्व यूपीए के दस सालों के शासन के दौरान लोगों ने देखा था कि किस प्रकार पेट्रोल-डीजल के दाम किस प्रकार ज्यादा थे, उसका असर हर प्रकार की वस्तुओं पर पड़ा था लेकिन उसे कम करने के लिए मनमोहन सरकार ने विशेष प्रयास नहीं किए।
पेट्रोल-डीजल हुआ महंगा
कर्नाटक में गुरुवार को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का पहला बजट पेश किया। कुमारस्वामी सरकार ने पेट्रोल पर टैक्स 30 से बढ़ाकर 32 फीसद और डीजल पर 19 से बढ़ाकर 21 फीसद कर दिया है। इससे पेट्रोल के दाम 1.14 प्रतिलीटर और डीजल 1.12 प्रतिलीटर बढ़ जाएंगे। इसका सीधा प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा, जो पहले ही तेल की ऊंची कीमतों के बोझ तले दब रही है। इसके अलावा बिजली की कीमतों में भी 20 प्रति यूनिट बढ़ाए हैं। इसका असर सभी लोगों पर पड़ेगा। हालांकि बजट में कर्नाटक सरकार ने किसानों की कर्जमाफी के लिए 34 हजार करोड़ रुपये आवंटित किया है।