राधाकृष्ण माथुर होंगे लद्दाख के पहले उपराज्यपाल, संभाल चुके हैं मुख्य सूचना आयुक्त का पद
राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के पहले उपराज्यपाल होंगे। केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार की शाम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पहले उपराज्यपाल की नियुक्ति कर दी।
नई दिल्ली, जेएनएन। राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के पहले उपराज्यपाल होंगे। केंद्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार की शाम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पहले उपराज्यपाल की नियुक्ति कर दी। राधाकृष्ण माथुर त्रिपुरा कैडर के 1977 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं। वह त्रिपुरा कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। राधा कृष्ण मुथुर नवंबर 2018 में भारत के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
राधाकृष्ण माथुर कई महत्वपूर्ण पदों का कार्यभार संभाल चुके हैं। केंद्रीय रक्षा सचिव के रूप में कार्य करने के अलावा उन्होंने संघ और त्रिपुरा दोनों सरकारों के लिए विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया, जैसे कि त्रिपुरा के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (वित्त), प्रमुख सचिव (कृषि), प्रमुख सचिव (ग्रामीण विकास), त्रिपुरा के रेजिडेंट कमिश्नर, रेवेन्यू कमिश्नर, पंचायतों के कमिश्नर, त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज के ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के सीईओ और त्रिपुरा सरकार में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और वेस्ट त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के कलेक्टर और यूनियन डिफेंस प्रोडक्शन सेक्रेटरी। इसके अलावा रक्षा मंत्रालय में विशेष सचिव, कपड़ा मंत्रालय में विकास आयुक्त और केंद्र सरकार में कपड़ा मंत्रालय में मुख्य प्रवर्तन अधिकारी के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।।
25 नवंबर 1953 को जन्मे राधाकृष्ण माथुर आइआइटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी हैं। आइआइटी दिल्ली से ही उन्होंने औद्योगिक इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल की। माथुर ने इंटरनेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एंटरप्राइजेज (ICPE), स्लोवेनिया से एमबीए की डिग्री भी हासिल की है।
बता दें कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को अब गोवा का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है। उनकी जगह पूर्व आइएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। सुनने में आया था कि पहले सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाने की बात चल रही थी, लेकिन मलिक ने इसके लिए इन्कार कर दिया। इसके बाद मुर्मू के नाम पर अंतिम मुहर लगाई गई है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में 31 अक्टूबर से नए कानून लागू हो जाएंगे। अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर में अब कई नियम बदल जाएंगे। नई दिल्ली विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है, इसी तरह अब जम्मू-कश्मीर भी होगा। वहीं अब लद्दाख, चंडीगढ़ जैसा केंद्र शासित प्रदेश होगा, जहां राज्य सरकार नहीं होगी। जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, इसके बाद लद्दाख को इससे अलग एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा भी कर दी गई थी।
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