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कर्नाटक में चौथी सीट को लेकर फंसा राज्यसभा चुनावी गणित, गुत्‍थी सुलझानें में जुटी पार्टियां

कर्नाटक में राज्‍यसभा की चौथी सीट को लेकर स‍ियासी गणित सुलझानें पर माथापच्‍ची जारी है। कर्नाटक में किस ओर जा रही है चुनावी सियासत जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:49 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 11:49 PM (IST)
कर्नाटक में चौथी सीट को लेकर फंसा राज्यसभा चुनावी गणित, गुत्‍थी सुलझानें में जुटी पार्टियां
कर्नाटक में चौथी सीट को लेकर फंसा राज्यसभा चुनावी गणित, गुत्‍थी सुलझानें में जुटी पार्टियां

बेंगलूरू, पीटीआइ। कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों को लेकर अभी तस्‍वीर साफ नहीं हो पाई है। राज्य में राज्यसभा की चार सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए कुछ ही दिन शेष हैं। बावजूद इसके राज्‍य के तीन प्रमुख राजनीतिक दलों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम तक तय नहीं किए हैं। इन दलों ने अपनी आगे की रणनीति के बारे में कोई खुलासा नहीं किया है। राज्‍यसभा सीटों के लिए 19 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए नौ जून को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है।

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बता दें कि कांग्रेस के राजीव गौड़ा (Rajeev Gowda) और बीके हरिप्रसाद जबकि भाजपा के प्रभाकर कोरे और जद(एस) के डी. कुपेंद्र रेड्डी (D Kupendra Reddy) के प्रतिनिधित्व वाली राज्‍यसभा की चार सीटें 25 जून को इनके रिटायर होने से खाली हो रही हैं। कर्नाटक में चार सीटों में से दो पर भाजपा जबकि‍ एक पर कांग्रेस की दावेदारी तो पक्की है लेकिन चौथी सीट को लेकर सियासी गण‍ित को सुलझाने की कोशिशें जारी हैं। सनद रहे कि गुजरात में भी राज्यसभा की चौथी सीट को लेकर भाजपा स‍ियासी गणित हल करने की कोशिशें हो रही हैं।

गुजरात में आज ही दो कांग्रेसी विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा को बढ़त बनाने का मौका दे दिया है। कर्नाटक में विधानसभा अध्यक्ष समेत 117 सदस्यों के साथ भाजपा चार में से दो सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। वहीं 68 विधायकों वाली कांग्रेस की भी एक सीट पक्‍की मानी जा रही है। बाकी बची चौथी सीट पर जीत दर्ज करने के लिए कम से कम 44 मतों की जरूरत होगी। ऐसे में राज्‍य में कोई भी दल चौथी सीट पर अकेले जीत दर्ज नहीं कर सकता है। सूत्रों की मानें तो भाजपा शनिवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक करके नामों पर चर्चा करेगी और नामों को केंद्रीय नेतृत्‍व को भेज दिया जाएगा।

मौजूदा वक्‍त में जेडीएस के पास 34 विधायक हैं और वह अपने दम पर एक भी सीट नहीं जीत सकती है। और उसे कांग्रेस के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो पार्टी के वरिष्ठ नेता एक-दो दिनों में चौथी सीट के लिए संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। इस बैठक में जद(एस) को समर्थन करना है या नहीं इस बारे में भी चर्चा होगी। वहीं कांग्रेस पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को एक सीट से मैदान में उतारे जाने की अटकलें भी जोरों पर हैं। यही नहीं अटकलें यह भी हैं कि चौथी सीट पर यदि जद(एस) से एचडी देवेगौड़ा चुनाव लड़ते हैं तो कांग्रेस उन्‍हें समर्थन देने पर विचार भी कर सकती है। 


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