राहुल गांधी की न्यूनतम आय की गारंटी पर सवाल, नीति आयोग ने कहा- 'गरीबी हटाओ' जैसा
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि एक सीमांत किसान परिवार की मासिक आमदनी तीन से चार रुपये है, ऐसे में उन्हें हर महीने की पांच सौ रुपये की मदद कोई छोटी रकम नहीं है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गरीबों को न्यूनतम आय की गारंटी के वादे पर सवाल उठाए हैं। राजीव कुमार ने कहा है कि यह वादा 'गरीबी हटाओ' के वादे जैसा ही है, जिसे लागू कर पाना संभव नहीं है।
राजीव कुमार ने कहा कि इसी तरह का वादा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश से गरीबी हटाओ के नारे के रूप में किया था। लेकिन भारत के पास न तो ऐसी आर्थिक क्षमता है और न ही आवश्यक डाटा है, जिससे इसे लागू किया जा सके।
उन्होंने वैश्विक मौलिक आय के विचार का भी विरोध किया, जिसकी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम प्राय: वकालत करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि वह लोगों को काम करने के लिए प्रोत्साहन दिए जाने के पक्ष में हैं।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस को देश के लोगों को यह बताना होगा कि वह न्यूनतम आय गारंटी योजना को कैसे लागू करेगी। उन्हें नहीं लगता है कि यह व्यवहारिक है। गरीबी हटाओ की तरह यह बोलने और सुनने में ही अच्छा लगता है। उन्हें लगता है कि कांग्रेस ने इसको लागू करने के उपायों पर विचार किये बिना सिर्फ घोषणा कर दी है। हालांकि, पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि कांग्रेस के घोषणापत्र में इसे लागू करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
कुमार ने कहा कि चीन जैसे देशों ने अपने युवाओं को रोजगार के मामले में अधिक मजबूत बनाया है न कि उन्हें असमंजस में रखा है। उन्होंने किसानों को सीधे उनके खाते में छह हजार रुपये देने के सरकार के फैसले का भी स्वागत किया और उसकी आलोचना को गलत बताया।
कुमार ने कहा कि देश के एक सीमांत किसान परिवार की मासिक आमदनी तीन से चार रुपये है, ऐसे में उन्हें हर महीने की पांच सौ रुपये की मदद कोई छोटी रकम नहीं है।