पंजाब ने Electric वाहनों पर GST घटाने का किया विरोध, बिहार का समर्थन, जानिए- राज्यों के तर्क
बिहार का मत - जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने को इलेक्टि्रक वाहनों को बढ़ावा देना जरूरी। पंजाब ने सिर्फ एक मुद्दे को लेकर बैठक बुलाने की जल्दबाजी पर उठाया सवाल।
नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। जीएसटी काउंसिल की 36वीं बैठक में शनिवार को इलेक्टि्रक वाहनों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने का फैसला वैसे तो बहुमत से हो गया। लेकिन केंद्र के इस प्रस्ताव का पंजाब ने कड़ा विरोध किया। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई काउंसिल की बैठक में पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि इस निर्णय के चलते राजस्व की जो हानि होगी, उसकी भरपाई कैसे की जाएगी।
बादल ने कहा कि काउंसिल के इस निर्णय से ऑटोमोबाइल उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है जो पहले ही मंदी की मार से जूझ रहा है। हालांकि बिहार के उप मुख्यमंत्री ने इलेक्टि्रक वाहनों पर जीएसटी घटाने के प्रस्ताव का जोरदार समर्थन किया और इसे जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने की दिशा में जरूरी कदम करार दिया।
बैठक के बाद बादल ने सिर्फ एक एजेंडा को लेकर जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाने की सरकार की जल्दबाजी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी संग्रह की चार महीने से समीक्षा नहीं हुई है और जीएसटी के नेटवर्क को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। लेकिन ऐसे विषयों को काउंसिल के एजेंडे में शामिल करना मुनासिब नहीं समझा गया।
उन्होंने यह भी पूछा कि इलेक्टि्रक वाहनों पर जीएसटी की दर घटाने से राजस्व की जो हानि होगी, उसकी भरपाई कैसे की जाएगी। फिलहाल राज्यों के खजाने में बड़ा हिस्सा पेट्रोल और डीजल पर वैट के रूप में आता है, आगे चलकर इस पर भी असर पड़ सकता है। काउंसिल को दीर्घकालिक सोच के साथ निर्णय लेना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक मोदी ने इलेक्टि्रक वाहनों पर जीएसटी घटाने का जोरदार समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। इससे अगर राजस्व की कुछ हानि होती है तो भी यह सूखा और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते होने वाली धन-जन क्षति के मुकाबले काफी कम होगी। मोदी ने इलेक्टि्रक वाहनों के साथ-साथ इनके चार्जर भी जीएसटी की दर घटाकर पांच फीसद करने का समर्थन किया।
बताया जाता है कि वित्त मंत्रालय के अधिकारी इलेक्टि्रक वाहनों के चार्जिग स्टेशन पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर 12 फीसद करना चाहते थे। लेकिन मोदी तथा दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे पांच फीसद करने की बात कही।
सूत्रों का कहना है कि इलेक्टि्रक वाहनों पर जीएसटी दरों पर शनिवार को हुए बदलाव से सरकार के खजाने पर बमुश्किल 60 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल ने इलेक्टि्रक वाहनों के साथ-साथ हाइब्रिड कारों और बीएस-6 मानकों को पालन करने वाले वाहनों को भी जीएसटी में छूट देने की वकालत की। हालांकि उन्होंने इलेक्टि्रक वाहनों को छूट के मद्देनजर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी चिंता जताई।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप