Pulwama Terror Attack: गुस्से की आड़ में ऐसे न फैलाएं नफरत की आग कि हम सब इसमें झुलस जाएं
Pulwama Terror Attack के बाद ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनकी कहानी हमले से जोड़कर पेश की जा रही है, जबकि ये वीडियो कभी पहले के हैं और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
रायपुर,जेएनएन। Pulwama Terror Attack, सोशल मीडिया किसी सामाजिक सूचना को बड़े दायरे में प्रसारित करने का एक बड़ा जरिया बना है, लेकिन इसका तेजी के साथ दुरूपयोग हो रहा है। फेक न्यूज के जरिए समाज में भ्रम और नफरत फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं और लोग इसमें कामयाब भी हो रहे हैं। पुलवामा हमले के बाद ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनकी कहानी हमले से जोड़कर पेश की जा रही है, जबकि ये वीडियो कभी पहले के हैं और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
पिछले दिनों हमले के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया जिसमें कांग्रेस भवन में घुसी पुलिस कांग्रेसियों की पिटाई करते और उन्हें पुलिस वाहनों में भर कर ले जाती नजर आ रही है। इस वीडियो में दिखाई पड़ रहा है कि महिलाओं और वृद्ध कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को भी पीटा जा रहा है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पुलवामा हमले से जुड़ा बताया जा रहा है। इसके साथ यह कहानी पेश की जा रही है कि पुलवामा हमले के बाद एक सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाले कांग्रेसियों को पुलिस ने पीटा।
जबकि यह वीडियो करीब 4 महीने पुराना है। यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर का वीडियो है जहां पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन कर लौटे कांग्रेसियों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर जारी कर कुछ लोगों द्वारा झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं जो एक पार्टी विशेष की छवि खराब करती है।
इस वीडियो के साथ फेक न्यूज सोशल मीडिया में आने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इससे काफी आहत हैं। उन्होंने इस फेक न्यूज का कड़े शब्दों में खंडन किया और कहा है कि शर्म भी इसे देख शर्मा जाए। भूपेश ने अपने एक टि्वट में लिखा- हद है! शर्म भी इसे देख शर्मा जाए। यह वीडियो बिलासपुर कांग्रेस भवन में तत्कालीन भाजपा सरकार की हिटलरशाही का प्रतीक है। इसे एक विशेष विचारधारा के समूह द्वारा साझा तेजी के साथ किया जा रहा है। नफरत की आग को इतना न फैलाएं कि हम सब इसमें झुलस जाएं।