जनप्रतिनिधियों से जुड़े सभी मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट न भेजे जाएं
जस्टिस रंजन गोगोई, नवीन सिन्हा की पीठ के समक्ष यह मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए आया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सांसदों और विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट भेजने का मध्य प्रदेश के एक कांग्रेसी विधायक ने विरोध किया है। यह याचिका विधायक जितेंद्र पटवारी उर्फ जीतू ने दायर की है। उन्होंने दायर अर्जी में पीठ से उस संबंध में दिशानिर्देश मांगे हैं, जिसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित मामले भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित नहीं करने की बात कही है। कांग्रेस विधायक पर भी एक पुलिसकर्मी को काम करने से रोकने का आरोप है।
जस्टिस रंजन गोगोई, नवीन सिन्हा की पीठ के समक्ष यह मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए आया। इसमें मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया गया था। जीतू पटवारी द्वारा दायर की गई याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर को दिए गए उस निर्णय का हवाला दिया गया है, जिसमें इस संदर्भ में 12 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने को कहा गया है।
इन्हें एक मार्च से सुनवाई शुरू करनी थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि इस तरह की अदालतें सभी जिलों में स्थापित होनी चाहिए ताकि इस तरह के मामलों का निपटारा तेजी से हो सके। पीठ ने कहा कि इस संबंध में दायर की गई सभी मुख्य याचिकाओं की सुनवाई 21 अगस्त को होगी।