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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देश में बड़े पैमाने पर कैदियों की होगी आम रिहाई

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अपनी आधी से अधिक सजा काट चुके उम्रदराज और विकलांग कैदियों को तीन चरणों में रिहा किया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 08:35 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 08:31 AM (IST)
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देश में बड़े पैमाने पर कैदियों की होगी आम रिहाई
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर देश में बड़े पैमाने पर कैदियों की होगी आम रिहाई

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के अवसर देश में बड़े पैमाने पर कैदियों की रिहाई होगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अपनी आधी से अधिक सजा काट चुके उम्रदराज और विकलांग कैदियों को तीन चरणों में रिहा किया जाएगा। नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह सुझाव दिया था, जिसपर कैबिनेट की मुहर लग गई है।

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पहले चरण में एक तिहाई कैदियों को आगामी दो अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन रिहा किया जाएगा। इसके बाद अगले साल 10 अप्रैल को चंपारण सत्याग्रह की वर्षगांठ के अवसर पर एक तिहाई और बाकि बचे एक तिहाई कैदियों की रिहाई उसके बाद दो अक्टूबर को की जाएगी।

जाहिर है कि रिहा किये जाने वाले कैदियों की पहचान और इसके लिए जरूरी कार्यवाही तत्काल शुरू हो जाएगी। इसके लिए केंद्र जल्द ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जरूरी दिशानिर्देश जारी करेगा। कैदियों की पहचान के लिए राज्य सरकारें एक कमेटी का गठन करेंगी और उसकी अनुसंशा के अनुरूप राज्यपाल को माफी का अधिकार होगा।

कैबिनेट के फैसले में रिहा किये जाने योग्य कैदियों का वर्गीकरण भी स्पष्ट कर दिया है। इसके तहत अपनी आधी सजा काट चुकी 55 साल से अधिक उम्र की महिलाएं व किन्नर और 60 साल से अधिक आयु के पुरूष शामिल होंगे। इसके साथ ही 70 फीसद से अधिक विकलांगता वाले किसी भी उम्र के वैसा व्यक्ति जो आधी सजा काट चुका हो, वह भी माफी का हकदार होगा। वहीं अपनी दो-तिहाई सजा पूरी कर चुके सभी कैदियों को भी रिहा किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार, आतंकवाद, दहेज हत्या, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में सजा काट रहे या उम्रकैद की सजा पाए कैदियों की रिहाई नहीं होगी।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार लगातार महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर कैदियों की आम माफी का मुद्दा उठाते रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने नीति आयोग की गवर्निग कौंसिल की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद राष्ट्रपति की अध्यक्षता में जन्म शताब्दी आयोजन समिति की बैठक के दौरान भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था। जाहिर है नीतीश के सुझाव को स्वीकार करते हुए कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी है।


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