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भारत पहुंचे सऊदी के प्रिंस सलमान, प्रोटोकाल तोड़ पीएम मोदी ने किया स्‍वागत

सउदी प्रिंस के पाकिस्तान जाने का सबसे अहम मकसद उसे आर्थिक बदहाली से बेल आउट करना था जबकि उनके नई दिल्ली आने का मकसद भारत के साथ कारोबार को बढ़ाना।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:48 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:47 PM (IST)
भारत पहुंचे सऊदी के प्रिंस सलमान, प्रोटोकाल तोड़ पीएम मोदी ने किया स्‍वागत
भारत पहुंचे सऊदी के प्रिंस सलमान, प्रोटोकाल तोड़ पीएम मोदी ने किया स्‍वागत

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। सऊदी अरब के भावी राष्ट्र प्रमुख प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मंगलवार देर शाम भारत दो दिवसीय यात्रा पर आ गए हैं। इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रोटोकाल तोड़ कर पीएम मोदी ने स्‍वागत किया।

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एशियाई देशों की पहली बार यात्रा पर निकले प्रिंस सलमान की भारत यात्रा पर पुलवामा हमले और पाकिस्तान की आतंकी भूमिका का मसला छाया रहेगा लेकिन इसके बावजूद दोनो देशों के बीच कुछ ऐतिहासिक सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर भी होगा। इसमें सउदी अरब की तरफ से भारत को एक अहम रणनीतिक देश बनाने संबंधी करार भी होगा जो आने वाले दिनों में दोनो देशों के बीच एक मजबूत सैन्य सहयोग का रास्ता खोलेगा।

आतंकवाद पर पाक की भूमिका सामने रखेगा भारत
इस्लामाबाद में प्रिंस सलमान ने अपनी यह इच्छा जताई है कि वह भारत व पाकिस्तान के बीच तनाव दूर करने की कोशिश करेंगे, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की तैयारी दूसरी है। भारत की तरफ से पुलवामा हमले और भारत में हुए अन्य आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका का पूरा कच्चा चिठ्ठा उनके समक्ष खोला जाएगा।

रणनीतिक क्षेत्र में होगी अहम घोषणा
पीएम नरेंद्र मोदी और प्रिंस सलमान की अध्यक्षता में द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी होने वाले संयुक्त घोषणा पत्र में भी पाकिस्तान पर सीधा वार होगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान यह नहीं समझे कि कुछ निवेश प्रस्तावों के बाद सऊदी अरब उसकी हर हरकतों की तरफ आंख मूंद कर रहेगा।

सऊदी प्रिंस के पाकिस्तान जाने का सबसे अहम मकसद उसे आर्थिक बदहाली से बेल आउट करना था जबकि उनके नई दिल्ली आने का मकसद भारत के साथ कारोबार को बढ़ाना और रणनीतिक साझेदारी का आगाज करना है।

सऊदी अरब ने दुनिया में जिन आठ देशों को अपना रणनीतिक साझेदार देश माना है उसमें भारत भी शामिल है। इसमें भारत के अलावा एशिया के चीन, जापान व दक्षिण कोरिया शामिल है। बुधवार को मोदी व प्रिंस सलमान की द्विपक्षीय वार्ता के बाद रणनीतिक साझेदारी के ढांचे का ऐलान किया जाएगा। इसके तहत पहला मुद्दा जो उठाया जाएगा उसमें दोनो देशों के बीच संयुक्त नौ सेना अभ्यास होगा।

सूत्रों के मुताबिक दोनो देशों के बीच पहला सैन्य अभ्यास इस वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष के शुरुआत में किया जा सकता है। दोनो देशों के बीच पिछले तीन वर्षो में सुरक्षा क्षेत्र में जबरदस्त तालमेल स्थापित हुआ है। अभी तक तीन बड़े खूंखार आतंकियों को सऊदी अरब की सरकार भारत को सुपुर्द कर चुकी है। इसमें अबू सूफियान और अब्दुल अजीज जैसे आतंकी भी है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि पाकिस्तान में प्रिंस सलमान ने जो कहा हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि आतंकवाद के मुद्दे पर सउदी अरब अब पाकिस्तान के रुख का समर्थन नहीं करता है। यह बात बुधवार को जारी होने वाले घोषणा पत्र में और स्पष्ट हो जाएगा। यही नहीं कश्मीर मुद्दे पर भी सऊदी का रूख पहले से काफी बदल गया है। अब वह उसे दोनो देशों के बीच आपसी बातचीत से समाधान करने वाला मुद्दा बताता है।

 दोनो देशों के बीच इस बार आर्थिक सहयोग भी एक बड़ा एजेंडा होगा। सऊदी भारत का चौथा सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार देश है। अभी भारत अपनी जरुरत का 17 फीसद तेल और 32 फीसद गैस सउदी अरब से खरीदता है। जबकि सउदी ने हाल ही में 44 अरब डॉलर की भारत की एक पेट्रोलियम योजना में निवेश करने का समझौता किया है। इस बार भी कई आर्थिक समझौते किये जाएंगे।


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