मोदी ने 'सियोल शांति पुरस्कार' की राशि नमामि गंगे प्रोजेक्ट को समर्पित की, जानें 10 बड़ी बातें
पीएम ने कहा कि उन्हें यह पुरस्कार ऐसे समय में दिया जा रहा है जबकि भारत दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2019 में मना रहा है।
सियोल, जेएनएन। साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पैनल ने पीएम मोदी को वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर शांति और सद्भावना स्थापित करने के उनके प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया। पीएम मोदी यह पुरस्कार पाने वाले 14वें व्यक्ति हैं। यह पुरस्कार विश्व शांति के प्रयासों के लिए दिया जाता है। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' के भारतीय दर्शन का भी जिक्र किया और कहा कि इसके तहत पूरी दुनिया को एक परिवार के तौर पर देखा जाता है। आइए आपको बताते हैं पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें...
1- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद कहा कि यह पुरस्कार मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि भारत के लोगों के लिए है, जो सफलता भारत ने पिछले 5 वर्षों में हासिल की है, वह 130 करोड़ लोगों के कौशल द्वारा संचालित है।
2- पीएम मोदी ने पुरस्कार के साथ मिलने वाली तकरीबन 1 करोड़ 30 लाख रुपये की धनराशि नमामि गंगे परियोजना को समर्पित किया। गंगा से प्रधानमंत्री का लगाव किसी से छिपा नहीं है। गंगा की सफाई के लिए कई परियोजनाएं भी मोदी सरकार ने शुरू की हैं।
3- पुरस्कार ग्रहण करने के बाद पीएम मोदी ने 'वसुधैव कुटुम्बकम' के भारतीय दर्शन का भी जिक्र किया और कहा कि इसके तहत पूरी दुनिया को एक परिवार के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने कहा कि यह अवॉर्ड व्यक्तिगत तौर पर उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश और पिछले 5 साल में अर्जित इसकी सफलता के लिए है, जिसमें 130 करोड़ लोगों का योगदान है।
4- पीएम ने यह भी कहा कि उन्हें यह पुरस्कार ऐसे समय में दिया जा रहा है, जबकि भारत दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2019 में मना रहा है। इसलिए वह खुद को अधिक सम्मानित महसूस कर रहे हैं। पुलवामा हमले के बीच उन्होंने इस मंच पर आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आज यह वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
5- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का विकास न केवल भारत के लोगों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अच्छा है। हम एक परस्पर जुड़ी हुई दुनिया में रहते हैं। हमारी वृद्धि और समृद्धि अनिवार्य रूप से वैश्विक विकास और विकास में योगदान करेगी।
6- पीएम मोदी ने कहा कि साउथ कोरिया की तरह भारत भी सीमा पार आंतक से पीड़ित है। ऐसे वक्त में साथ आकर इसके खिलाफ लड़ने की जरूरत है। सियोल ओलंपिक से कुछ सप्ताह पहले, अल-कायदा नामक एक आतंकी संगठन का गठन किया गया था। आज, कट्टरता और आतंकवाद ग्लोबलाइज हो गए हैं और वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं।
7- जलवायु परिवर्तन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में भारत, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई में सबसे आगे है। ऐतिहासिक रूप से लो कार्बन फूटप्रिंट के बावजूद, भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
8- प्रधानमंत्री ने उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से भारत में महिलाओं के जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश के गरीब तबकों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
9- पूरी दुनिया आज भारत की तरफ उम्मीद से निगाहें लगाए देख रही है। हमारी इकोनॉमी लगातार मजबूत हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि अगले कुछ साल में भारत 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में शामिल होने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
10- प्रधानमंत्री मोदी ने भागवत गीता का भी जिक्र अपने भाषण के दौरान किया। उन्होंने युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों और शांति पाठ का महत्व भी समझाया, जो भारतीय परंपरा का अभिन्न अंग रहा है। पीएम मोदी ने शांति मंत्र(ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥) का पाठ किया और फिर उसका अर्थ भी बताया।