बजट सत्र: राष्ट्रपति कोविंद ने पेश किया मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड
राष्ट्रपति कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। आइए उनके अभिभाषण के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हैं-
नई दिल्ली, जेएनएन। संसद भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई। उन्होंने अपने पूरे अभिभाषण के दौरान सरकार की नीतियों और योजनाओं का जिक्र करते हुए कई अहम उपलब्धियां गिनाईं। साथ ही तीन तलाक बिल पर भी बोलते हुए कहा कि इसे पास कराया जाना चाहिए। यह मुस्लिम महिलाओं के हित में है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सरकार का मकसद सबका साथ सबका विकास है। साथ ही एक साथ चुनाव कराए जाने पर भी बल दिया।
राष्ट्रपति कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। आइए उनके अभिभाषण के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालते हैं-
- सरकार ने तीन तलाक के संबंध में एक बिल संसद में प्रस्तुत किया है। मैं आशा करता हूं कि संसद शीघ्र ही इसे कानूनी रूप देगी। तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम बहन-बेटियां भी आत्मसम्मान के साथ भयमुक्त जीवन जी सकेंगी।
- बेटियों के साथ भेदभाव खत्म करने के लिए मेरी सरकार ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की थी। इस योजना के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए अब इसका दायरा 161 जिलों से बढ़ाकर 640 जिलों तक कर दिया गया है।
- सरकार ने मातृत्व अवकाश लाभ में बदलाव करके एक बड़ा कदम उठाया है। महिलाओं को 12 सप्ताह के स्थान पर वेतन सहित, 26 सप्ताह की छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है। अब कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अधिक समय मिला करेगा।
- समाज के प्रत्येग वर्ग की आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील मेरी सरकार ने ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ को संवैधानिक दर्जा देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है।
- सभी के सिर पर छत हो, और उसे पानी-बिजली-शौचालय की सुविधा मिले, इस संवेदनशील सोच के साथ मेरी सरकार देश के हर आवासहीन गरीब परिवार को वर्ष 2022 तक घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर काम कर रही है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत गरीबों को घर बनाने के लिए 6 प्रतिशत की राहत दी जा रही है।
- 'जनधन योजना’ के तहत अब तक लगभग 31 करोड़ गरीबों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इस योजना के शुरू होने से पहले, देश में महिलाओं के बचत खातों की संख्या लगभग 28 प्रतिशत थी, जो अब बढ़कर 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।
- देश में सामाजिक न्याय और आम जीवन को आसान बनाने के लिए काम किया जा रहा है। शायद ही किसी ने सोचा हो कि शौचालयों का निर्माण भी सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा।
- हमारा दायित्व है कि 2019 तक देश को पूरी तरह से स्वच्छ बनाकर पूज्य बापू के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त करें।
- उज्ज्वला योजना के तहत 3 करोड़ से ज्यादा परिवारों को गैस के कनेक्शन दिए गए हैं।
- लगभग 3 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार मुद्रा योजना का लाभ उठाया और स्वरोजगार शुरू करने में सफल हुए।
- बुजुर्गों की सामाजिक सुरक्षा के लिए मेरी सरकार वचनबद्ध है। मानववाद के प्रणेता दीनदयाल उपाध्यय के मार्ग पर चलते हुए लोगों की सेवा की जा रही है।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को सस्ता फसल बीमा दिया जा रहा है। मेरी सरकार ने गरीबों को 1 रुपये प्रति महीने से बीमा योजना उपलब्ध कराई है।
- दशकों से लंबित 99 सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं। पिछले वर्ष की तुलना में दाल के उत्पादन में 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नेशनल फूड सिक्यॉरिटी एक्ट के तहत खाद्यान्न देने की व्यवस्था को पारदर्शी और सुलभ बनाया जा रहा है। सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया है।
- किसानों की समृद्धि के लिए डेयरी में ध्यान दिया जा रहा है। यूरिया का उत्पादन बढ़ने के साथ 100 प्रतिशत नीम कोटेड यूरिया का प्रयोग किया जा रहा है।
- सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ लोगों को बिजली का कनेक्शन दिया जा रहा है। मेरी सरकार ने राज्यों को सस्ती बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
- भारत नेट परियोजना के तहत ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का काम किया जा रहा है। पहले चरण में 1 लाख गांवों को जोड़ा जा चुका है।
- सरकार ने स्वास्थ्य नीति बनाई है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 800 तरह की दवाइयां दी जा रही हैं। ह्रदय रोगियों के लिए स्टेंट की कीमत को कम कर दिया गया है। डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एमबीबीएस की 13,000 सीटें मंजूर की गई हैैं।
- सरकार देश में स्कूली और उच्च शिक्षा को मजबूत कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार इंस्टिट्यूट ऑफ इमिनेंस बनाने पर काम कर रही है। आइआइएम को स्वायत्तता देने के लिए भी कानून बनाया गया है।
- हमारा देश सबसे युवा देश है। देश के युवाओं के लिए स्टार्ट अप इंडिया. स्टैंड अप इंडिया, स्किल इंडिया मिशन चलाया जा रहा है।
- सरकार श्रम कानूनों में सुधार कर रही है। श्रम कानूनों के पालन के लिए रजिस्टर की संख्या 56 से घटाकर 5 कर दी गई है।
- सरकार ने खेल-कूद के क्षेत्र में भी काम कर रही हैै। यहां फीफा का सफल आयोजन हुआ। आज देश के हर कोने में फुटबॉल जैसे खेलों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। मेरी सरकार ने खेलो इंडिया की शुरुआत की है।
- सरकार तुष्टीकरण नहीं सशक्तिकरण के साथ अल्पसंख्यकों के लिए काम कर रही है। मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन समाज के लोगों के रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं।
- हमारे देश में ढाई करोड़ से ज्यादा दिव्यांग हैं। सरकार उनके लिए निरंतर काम कर रही है। दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 लागू किया गया।
- प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत साक्षरता का अभियान चलाया जा रहा है। आधार द्वारा गरीब लाभार्थियों को सीधे सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। वर्तमान सरकार की 400 से ज्यादा योजना में डिजिटल भुगतान किया जा रहा है।
- देश में एलईडी बल्ब की बिक्री की जा रही है। इससे पर्यावरण की रक्षा के साथ प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ यूनिट बिजली की बचत हो रही है।
- इस वर्ष 12 जनवरी को इसरो ने पीएसएलवी सी 40 को लॉन्च करके 100वें उपग्रह का सफल प्रक्षेपण किया।
- आधुनिक परिवहन व्यवस्थाएं इस तरह विकसित की जा रही हैं कि सभी सुविधाएें आपस में जुड़ी हों। रेलवे के विकास के लिए काम किया जा रहा है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का काम शुरू हो गया है।
- भारत हमेशा सहयोग की भावना से काम करता है। आज विश्व के किसी भी कोने में बसे भारतीयों को भरोसा है कि वे कहीं भी संकट में पड़ेंगे तो उनकी सरकार उन्हें वापस ले आएगी। 90 हजार भारतीयोें को वापस लाया गया है।
- सरकार की प्रभावी नीतियों के कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
- 251 पासपोर्ट सेवा केंद्रों को मंजूरी दी जा चुकी है। विकास को ठोस आधार देने के लिए आर्थिक संस्थानों को मजबूत करने का काम किया जा रहा है।
- एक साथ चुनाव कराने के विषय पर संवाद बढ़ना चाहिए तथा सभी राजनैतिक दलों के बीच सहमति बनाई जानी चाहिए।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति कोविंद इस बार बग्घी से नहीं बल्कि कार से संसद पहुंचे। इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली आर्थिक सर्वे पेश करेंगे। एक फरवरी को संसद में केंद्र सरकार देश का आम बजट पेश करेगी। इस सत्र में बजट के अलावा तीन तलाकसमेत कई अहम बिलों पर चर्चा होगी। तीन तलाक से जुड़ा बिल लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा में विपक्ष ने इसकी राह रोक रखी है।
माना जा रहा है कि संसद का बजट सत्र भी हंगामेदार हो सकता है। रविवार को पहले सरकार और फिर लोकसभा अध्यक्ष की सर्वदलीय बैठक में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई।
विपक्ष सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक संकट, करणी सेना के उत्पात और कासगंज की सांप्रदायिक घटना जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार को राजी करना चाहता है। वह भी अपनी शर्तों पर। दूसरी तरफ, सरकार एक साथ तीन तलाक और ओबीसी आयोग जैसे मुद्दों पर आगे बढ़ना चाहती है। ऐसे में फिर से अवरोध उत्पन्न हो तो आश्चर्य नहीं। रविवार को पहले सरकार की और फिर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आए और उन्होंने सभी दलों से अपील की कि बजट सत्र के महत्व को देखते हुए सहयोग के साथ सदन चलाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष के सुझावों को गंभीरता से लेती है। विपक्ष को यह भरोसा भी दिलाया कि सरकार किसान, रोजगार व आर्थिक स्थिति जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे, गुलाम नबी आजाद, सपा नेता मुलायम सिंह, भाकपा के डी राजा, द्रमुक की कनीमोरी, तृणमूल के सुदीप वंद्योपाध्याय, राकांपा के तारिक अनवर समेत शिवसेना और कुछ विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे। लोकसभा अध्यक्ष की बैठक में भी इनकी मौजूदगी थी। पर सत्तापक्ष और विपक्ष की प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं।
दरअसल, सरकार चाहेगी कि राज्यसभा में तीन तलाक और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी बिल पर पहले फैसला हो। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बजट सत्र के एजेंडे की जानकारी देते हुए बताया कि तीन तलाक बिल को राज्यसभा से पास कराना उनकी प्राथमिकता में है। विपक्ष को इस मामले में जीएसटी जैसी सर्वसम्मति दिखानी चाहिए।
पहली बार किया संसद को संबोधित
बजट सत्र के पहले दिन की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हो गई। उन्होंने संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया। यह संसद में उनका पहला अभिभाषण है। परंपरा के अनुसार, संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति के संबोधन से शुरू होता है। इसमें राष्ट्रपति सरकार की योजनाओं का खाका देश के सामने रखते हैं।
सूत्रों की मानें, तो बजट पेश होने तक कोई अवरोध नहीं होगा, लेकिन उसके बाद संसद का माहौल गर्म रहेगा। गौरतलब है कि फरवरी में उत्तर पूर्व के तीन राज्यों में चुनाव है। कांग्रेस के साथ-साथ वाम मोर्चा के लिए भी यह चुनाव अहम है।