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जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू बने नए CAG, राष्ट्रपति भवन में ली शपथ

राष्ट्रपति कोविंद राष्ट्रपति भवन में जीसी मुर्मू को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) पद की शपथ दिलाई गई हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 11:15 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 12:20 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू बने नए CAG, राष्ट्रपति भवन में ली शपथ
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू बने नए CAG, राष्ट्रपति भवन में ली शपथ

नई दिल्ली, एएनआइ। जम्मू कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को राष्ट्रपति भवन में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) पद की शपथ दिलाई गई हैं। शपथ लेने का साथ ही उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया है। इस नियुक्ति से एक दिन पहले ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के पहले उप-राज्यपाल के रूप में तैनात जीसी मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार किया था। 

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सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जाने जाते हैं मुर्मू

बता दें कि गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस रहे हैं। गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहते हुए राज्य सरकार की सभी प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी का जिम्मा उन्हें ही सौंपा गया था।

आदिवासी बहुल जिले में हुआ जन्म

गौरतलब है कि मुर्मू का जन्म ओडिशा के आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले के वेतनटी में हुआ था। उन्‍होंने भुवनेश्‍वर की उत्‍कल यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में पीजी किया। साथ ही मुर्मू ने बर्मिंघम विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इसी साल एक मार्च में वित्त मंत्रालय में विशेष सचिव (राजस्व) पद से पदोन्नत कर व्यय सचिव बनाया था। दरअसल, मुर्मू को सरकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि वह बहुत ही सरल और जमीनी स्‍तर का आईएएस अधिकारी रहे हैं। 

मनोज सिन्हा को बनाया गया जम्मू कश्मीर का नया अपराज्यपाल

अब मुर्मू की जगह पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा (61) को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया जाएगा।। इसकी जानकारी राष्ट्रपति भवन की तरफ से दी गई है। सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल राज्य मंत्री और संचार राज्य मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, पिछले साल गाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे। यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद उनका नाम मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में भी चर्चा में आया था।


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