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ट्रेड यूनियन कानून में बदलाव की तैयारी, केंद्र और राज्य के स्तर पर मान्यता देने का प्रस्ताव

आरोप लगता रहा है कि ट्रेड यूनियनों को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं होने के कारण केंद्र और राज्य सरकारें पर्याप्त महत्व नहीं देती हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 08:20 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 08:20 PM (IST)
ट्रेड यूनियन कानून में बदलाव की तैयारी, केंद्र और राज्य के स्तर पर मान्यता देने का प्रस्ताव

नई दिल्ली, प्रेट्र। श्रम मंत्रालय ने ट्रेड यूनियन अधिनियम (1926) में बदलाव का प्रस्ताव किया है। इससे केंद्र और राज्य के स्तर पर ट्रेड यूनियनों को व्यापक पहचान मिल सकेगी। आरोप लगता रहा है कि ट्रेड यूनियनों को लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं होने के कारण केंद्र और राज्य सरकारें उन्हें पर्याप्त महत्व नहीं देती हैं। यूनियनों का पूरा जिम्मा श्रम मंत्रालय पर ही रहता है। मंत्रालय ने इस स्थिति में बदलाव की पैरवी की है।

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मौजूदा नियमों के तहत ट्रेड यूनियनों को पहले मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) द्वारा सत्यापित किया जाता है। उसके बद श्रम एवं रोजगार मंत्रालय उसे मान्यता देता है। इस समय देश में 13 मान्यता प्राप्त केंद्रीय ट्रेड यूनियन/महासंघ हैं। श्रम मंत्रालय द्वारा मिली मान्यता के अनुरूप इन ट्रेड यूनियनों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और समितियों में प्रतिनिधित्व की अनुमति होती है।

मंत्रालय ने अपने प्रस्ताव में कहा कि ट्रेड यूनियनों की यह मांग थी कि केंद्र सरकार के मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा इन केंद्रीय ट्रेड यूनियनों को किसी संवैधानिक समर्थन के अभाव में अधिक महत्व नहीं दिया जाता है। इसके मद्देनजर ट्रेड यूनियन अधिनियम, 1926 में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, जिसके तहत केंद्र और राज्य के स्तर पर ट्रेड यूनियन/महासंघ को मान्यता का प्रावधान शामिल करने की बात है। मंत्रालय ने ट्रेड यूनियन (संशोधन) विधेयक, 2018 के मसौदे पर अंशधारकों से 10 अगस्त तक टिप्पणियां मांगी हैं।


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