इस बार काशी में रमेगी 21 से 23 जनवरी तक प्रवासी भारतीयों की धूनी
कुंभ मेला और गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आयोजन की तारीख भी इस बार नौ जनवरी से बदलकर 21 से 23 जनवरी कर दी गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसदीय चुनाव की तैयारियों के बीच केंद्र की राजग सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन करेगी। भगवा रंग वाले तंबुओं के बसाये शहर जहां अपनी छटा बिखेरेगा, वहीं गंगा के घाटों पर प्राचीन सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित की जाएगी। 21 से 23 जनवरी के बीच बनारस में होने वाले इस आयोजन को प्रवासी कुंभ के नाम से भी जाना जाएगा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री योगी आदित्य ने किया ऐलान
पंद्रहवें प्रवासी भारतीय सम्मेलन की उल्टी गिनती शनिवार को शुरु हो गई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका पूरा ब्यौरा दिया। इस मौके पर एनआरआई राज्यमंत्री स्वाति सिंह व मुख्य सचिव अनूपचंद पांडेय भी उपस्थित थे। बनारस की गंगा आरती से लेकर प्रयाग में कुंभ स्नान प्रवासी भारतीयों का आकर्षण होगा।
21 से 23 जनवरी तक काशी में होगा सम्मेलन, तैयारी जोरों पर
कुंभ मेला और गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए प्रवासी भारतीयों के आग्रह के मद्देनजर आयोजन की तारीख भी इस बार नौ जनवरी से बदलकर 21 से 23 जनवरी कर दी गई है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के साथ सरकार इन मेहमानों को प्रयागराज में कुंभ मेला में डुबकी लगवाने के साथ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड भी दिखाएगी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में नौ जनवरी से हुई थी। महात्मा गांधी नौ जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। उन्होंने बताया कि प्रवासी कुंभ के पहले दिन 21 जनवरी को बनारस में युवा प्रवासी सम्मेलन होगा। इसमें 18 से 35 साल के युवा प्रवासी ही हिस्सा लेंगे।
इसके मुख्य अतिथि नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि न्यूजीलैंड के चरणजीत सिंह बख्शी होंगे। उस दिन लंच के बाद सारे लोग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जाएंगे, जहां अपने समकक्ष लोगों से मुलाकात करेंगे। दूसरे दिन यानी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसके मुख्य अतिथि मारीशस के प्रधानमंत्री प्रवीन जगन्नाथ होंगे। इस दौरान कई सत्रों में चर्चा होगी।
प्रवासी भारतीय दिवस की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार अपने सूबे के प्रवासियों से जुड़ने और उन्हें जोड़ने के विशेष प्रयास करेगी। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक उत्तर प्रदेश से निकले और राज्य से जुड़े भारतवंशियों के साथ व्यापक संपर्क व संवाद का प्रयास होगा। प्रवासी दिवस परंपरा की शुरुआत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की कविताओं पर कार्यक्त्रम होंगे।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े आयोजन भी होंगे। इस मौके पर राज्य के खास उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी। सम्मेलन का समापन 23 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। योगी आदित्यनाथ के अनुसार प्रवासी भारतीयों को ठहराने लिए काशी और सारनाथ में होटल का अलावा विशेष स्विस टेंट वाले अस्थाई बसाहट की भी व्यवस्था की जाएगी।