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दिल्ली छोड़कर केरल में बसना चाह रहे नीति आयोग के सीईओ, ट्वीट कर कही ये बात

अमिताभ कांत केरल कैडर के आइएएस अधिकारी हैं। उन्होंने लंबे समय तक केरल में काम किया है। कांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 07:12 AM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 08:18 AM (IST)
दिल्ली छोड़कर केरल में बसना चाह रहे नीति आयोग के सीईओ, ट्वीट कर कही ये बात
दिल्ली छोड़कर केरल में बसना चाह रहे नीति आयोग के सीईओ, ट्वीट कर कही ये बात

नई दिल्ली, आइएएनएस।दिल्ली में प्रदूषण की मार से परेशान होकर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत राजधानी छोड़कर केरल में बसना चाह रहे हैं। रविवार को ट्वीट करके उन्होंने अपनी यह इच्छा जाहिर की। कांत ने केरल की खूबसूरत तस्वीरों के साथ पोस्ट किया, 'दिल्ली की हलचल से दूर देवों की धरती पर, जहां मैं रहा हूं, काम किया है और राज्य के लोगों की सेवा की है।

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मैं अपनी जिंदगी में यहीं बसना चाहूंगा।' अपने ट्वीट के साथ उन्होंने केरल और पॉल्यूशन किल्स का हैशटैग भी लगाया था। अमिताभ कांत केरल कैडर के आइएएस अधिकारी हैं। उन्होंने लंबे समय तक केरल में काम किया है। कांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। ऐसे में इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने उन पर निशाना भी साधा।

 Away from the hustle, bustle of Delhi in God’s Own Country where I have lived, worked and served the people of the State. This is where I will settle down in life. #Kerala #pollutionkills pic.twitter.com/TuJDptEDJo

— Amitabh Kant (@amitabhk87) November 3, 2019

ट्वीट कर घिरे जावडेकर

प्रदूषण के गंभीर हालात के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर भी अपने एक ट्वीट के चलते सोशल मीडिया यूजर्स के निशान पर आ गए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'दिन की शुरुआत संगीत से करें।' उनके इतना ट्वीट करते ही कई यूजर्स ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि जब राजधानी और आसपास के क्षेत्र प्रदूषण से बेहाल हैं, तब पर्यावरण मंत्री संगीत में व्यस्त हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने संभाला मोर्चा

रविवार को हालात इतने बिगड़े कि केंद्र सरकार को भी दखल देना पड़ा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने पंजाब और हरियाणा को पराली जलाने वालों से सख्ती से पेश आने को कहा। इसके रोकथाम के लिए रविवार रात से ही और ज्यादा टीमों को मैदान में उतारने के निर्देश दिए गए। बैठक में दिल्ली से कहा गया कि धूल (डस्ट) प्रबंधन को लेकर सभी जरूरी उपायों को अपनाए। निर्माण कार्यो को पूरा तरह से बंद करे और उद्योगों से निकलने वाले कचरे पर भी निगरानी रखे। दिल्ली के मुख्य सचिव से उच्च अधिकारियों की अगुवाई में 300 विशेष टीमें गठित करने को कहा गया है।


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