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MP Politics: मध्य प्रदेश में कोरोना पर अब गर्माने लगी सियासत, कमल नाथ और दिग्विजय हुए आक्रामक

शिवराज सिंह ने कोरोना संकट में किए गए प्रयासों पर सरकार की पीठ थपथपाई तो पूर्व सीएम कमल नाथ और दिग्विजय सिंह समेत दिग्गज कांग्रेसियों को यह रास नहीं आई।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 09:42 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 07:03 AM (IST)
MP Politics: मध्य प्रदेश में कोरोना पर अब गर्माने लगी सियासत, कमल नाथ और दिग्विजय हुए आक्रामक

आनन्द राय, भोपाल। कोरोना संकट का यह दौर यक्ष प्रश्नों में उलझने का नहीं है और न ही आपसी जंग का है। संत्रास का यह दौर तबाही के वायरस से प्रतिरोध का है लेकिन मध्य प्रदेश के सियासी सूरमा आपस में ही टकराने लगे हैं। कोरोना पर उनकी जुबानी जंग से सियासत गर्माने लगी है। बच्चे, बड़े, बूढ़े सबकी आंखें पनीली हैं। घरों का चूल्हा ठंडा न पड़ जाए यह फिक्र तो हर आदमी को लगी है लेकिन यहां के राजनेता एक-दूसरे के सिर असफलता का ठीकरा फोड़ने में जुटे हैं।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संकट में किए गए प्रयासों पर सरकार और अपने संगठन की पीठ थपथपाई तो पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दिग्विजय सिंह समेत दिग्गज कांग्रेसियों को यह रास नहीं आया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा भला क्यूं चुप रहते। उन्होंने भी प्रतिउत्त्तर में पिछली सरकार को आइना दिखा दिया। संकेत मिल रहे हैं कि अब सत्त्ता और प्रतिपक्ष की रार और तेज होगी। चूंकि आने वाले दिनों में प्रदेश के 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना हैं इसलिए चुनाव में मुद्दा बनाने के लिहाज से भी पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है। शिवराज सिंह चौहान कोरोना नियंत्रण के लिए सरकार को श्रेय देने में जुटे हैं तो कांग्रेस उनकी विफलता का डंका बजा रही है।

कमल नाथ और दिग्विजय हुए आक्रामक

शुरुआत कुछ दिन पहले से ही हो चुकी है। शिवराज ने आइफा-2020 का 700 करोड़ रुपये सीएम रिलीफ फंड में भेजे जाने की खबर दी तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी। कहा, 'शिवराज जी आप मुख्यमंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए सस्ती लोकप्रियता के लिए फेक न्यूज का सहारा ना लें। उन्होंने मोदी-शाह को भी फेक न्यूज फैक्ट्री बंद करने की सलाह दे दी। सरकार ने एस्मा लगाया तो सांसद विवेक तन्खा ने तीखी टिप्पणी कर दी। दिग्विजय भी सरकार को कठघरे में खड़ा करने में पीछे नहीं रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने तो इंदौर से सतना जेल में रासुका आरोपितों को भेजने पर ही सरकार को घेर दिया। दरअसल, दो आरोपित संक्रमित निकल गए तो उन्होंने पूरे सिस्टम पर ही सवाल उठा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ तो यह भी बोले कि कोरोना के संकट में भी मध्य प्रदेश इकलौता राज्य है जहां न गृहमंत्री हैं और न ही स्वास्थ्य मंत्री। न टेस्टिंग किट है और न ही जांचें हो पा रही हैं। उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार गिराने का इंतजार हो रहा था और उसके बाद लॉकडाउन कर दिया गया।'

संकट के समय घटिया राजनीति की कल्पना नहीं : शिवराज

सीएम शिवराज सिंह चौहान कहां चूकने वाले थे। उन्होंने नहले पर दहला रख दिया। चौहान ने कमल नाथ पर सीधा प्रहार किया। कहा, संकट के समय ऐसी घटिया राजनीति की कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने याद दिलाया कि कमल नाथ ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राहुल गांधी ने 12 फरवरी को कोरोना के बारे में चेता दिया था और फिर सवाल उठाया कि उस समय मुख्यमंत्री कौन थे। चौहान बोले- मैं तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सीधे वल्लभ भवन गया और तब तक कोरोना प्रदेश में पैर पसार चुका था। मध्य प्रदेश के 22 जिलों में महामारी फैल चुकी थी।

कमल नाथ को कोरोना से ज्यादा आइफा की थी चिंता

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त्त शर्मा ने तो कमल नाथ की याददाश्त पर ही सवाल उठा दिए। शर्मा ने कहा कि कोरोना से निपटने की बजाए वह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। उन्हें कोरोना से ज्यादा आइफा की चिंता थी। 


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