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राफेल पर सियासी रार, कांग्रेस ने कहा- बिचौलिए से लेन-देन की हो जांच, राहुल ने सरकार से पूछे तीन सवाल

कांग्रेस ने फ्रेंच न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राफेल लड़ाकू विमान खरीद में बिचौलिए के लेन-देन की कथित भूमिका को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने सरकार से तीन सवाल पूछे हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 08:58 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 01:06 AM (IST)
राफेल पर सियासी रार, कांग्रेस ने कहा- बिचौलिए से लेन-देन की हो जांच, राहुल ने सरकार से पूछे तीन सवाल
कांग्रेस ने फ्रेंचन्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राफेल खरीद में बिचौलिए से लेन-देन पर निशाना साधा है।

नई दिल्ली, जेएनएन। कांग्रेस ने फ्रेंच न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए राफेल लड़ाकू विमान खरीद में बिचौलिए के लेन-देन की कथित भूमिका को लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने फ्रेंच मीडिया रिपोर्ट के जरिये सामने आई जानकारियों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए राफेल सौदे में लेन-देन के कथित भ्रष्टाचार की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसका लेकर सरकार से सवाल पूछे हैं।

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राहुल ने पूछे तीन सवाल

राहुल ने ट्वीट करते हुए परीक्षा पर चर्चा के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के छात्रों को भयमुक्त और नर्वस हुए बिना कठिन सवाल का जवाब देने की सलाह पर तंज कसते हुए तीन सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि राफेल सौदे के स्कैंडल में पैसे किसने लिए? इस सौदे के अनुबंध से भ्रष्टाचार विरोधी प्रविधानों को किसने हटाया और बिचौलिए को किसने रक्षा मंत्रालय के अहम दस्तावेज उपलब्ध कराए?

सुरजेवाला ने लगाए यह आरोप

रणदीप सुरजेवाला ने इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि फ्रेंच न्यूज पोर्टल से सामने आई जानकारी से साफ है कि राफेल खरीद में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। इस बारे में मोदी सरकार को चार यह बताना चाहिए कि क्या ये सही है कि बिचौलिए से पकड़े गए दस्तावेज के मुताबिक जो 36 राफेल की कीमत 5.6 बिलियन यूरो निर्धारित की गई?

कांग्रेस ने उठाए सवाल

सुरजेवाला ने पूछा कि क्या यह भी सही है कि रक्षा मंत्रालय के विपरीत दसॉल्ट कंपनी अपनी इंटर्नल मीटिंग में 20 जनवरी, 2016 को ये निर्णय किया कि वो 36 राफेल जहाज की कीमत 7.87 बिलियन यूरो लगाएंगे? क्या ये भी सही है कि इंडियन नेगोसियेशन टीम ने दसॉल्ट के इस प्रस्ताव को अगले दिन ही खारिज कर दिया? मगर इसके बाद भी सौदे को मंजूरी दी गई।

जांच की मांग

सुरजेवाला ने कहा कि क्या कारण है कि 2.81 बिलियन यूरो यानि 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त भुगतान किया गया? उन्होंने कहा कि इन साक्ष्यों के सामने आने के बाद पूरे मामले की सार्वजनिक जांच नहीं होनी चाहिए? सुरजेवाला ने कहा कि दूसरा सवाल यह है कि क्या ये सही नहीं कि ईडी ने 26 मार्च 2019 को जब राफेल के एक सहयोगी पर रेड की तो उस रेड में रक्षा मंत्रालय के सबसे गुप्त कागजात पकड़े गए जिसमें कीमत निर्धारण का कागज ईडी ने पकड़ा।

सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

सुरजेवाला ने दावा किया कि रुपयों की कीमत का आकलन कैसे होगा उसे भी ईडी ने पकड़ा था। राफेल सौदे के अनुबंध से भ्रष्टाचार विरोधी प्रविधान हटाए जाने पर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल पर सामने आई ताजा जानकारी के बाद इसकी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायी जानी चाहिए। 


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