पीएम मोदी ने बताया आत्मनिर्भर भारत के लिए चार एल और पांच पिलर का मंत्र, जानें उनके बारे में
पीएम मोदी ने कहा कि यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं कोई राह मुश्किल नहीं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए चार एल पर बल देने का एलान किया। इन चार एल के साथ उन्होंने पांच पिलर की बात की जिसके सहारे भारत आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। प्रधानमंत्री ने लैंड, लेबर, लिक्विडिटी, और लॉ को प्रमुख शस्त्र बताया।
लैंड (जमीन) के बिना किसी उद्योग या मैन्यूफैक्चरिंग की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। भारत में उद्योग की स्थापना में सबसे बड़ी बाधा जमीन है। बेकार पड़ी सरकारी जमीन के सहारे लैंड कारपोरेशन या बैंक बनाकर इस समस्या को दूर किया जाएगा।
लेबर
लेबर (श्रम) के बिना भी उद्योग या उत्पादन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है। लेकिन भारत में लेबर कानून को लेकर कई जटिलताएं हैं। लेबर के लिए एक तार्किक कानून बनाए जाने की जरूरत है। तभी निवेश को आसानी से भारत लाया जा सकता है।
लिक्विडिटी
उद्योग चलाने के लिए लिक्विडिटी या नकदी का होना अति आवश्यक है। कोरोना काल में उद्योग खासकर एमएसएमई की पहिया नकदी के अभाव में रूक गई है। नकदी की मदद सिर्फ छोटे उद्यमियों को ही नहीं दी जाएगी बल्कि मांग का सृजन करने के लिए श्रमिकों व गरीबों के खाते में भी नकदी दिए जाने की बात है।
लॉ
लॉ या कानून से प्रधानमंत्री का आशय उन कानूनों से हैं जिससे विकास में बाधाएं खड़ी होती हैं। जो उद्योग की स्थापना में विलंब कराते हैं, जो लाल फीताशाही को प्रोत्साहित करते हैं जिससे उद्योग धंधे हतोत्साहित होते हैं। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत पहले भी दर्जनों कानून को खत्म किया जा चुका है। आत्मनिर्भरता का रास्ता साफ करने के लिए कानून में भारी बदलाव किए जाएंगे।
पांच पिलर
इकोनॉमी
एक ऐसी इकोनॉमी जो इंक्रीमेंटल ग्रोथ नहीं बल्कि क्वांटम ग्रोथ ले
इंफ्रास्ट्रक्चर
एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जिससे आधुनिक भारत की पहचान हो, इंफ्रा के बगैर कोई भी बाहरी कंपनी भारत में निवेश नहीं करेगी
सिस्टम
एक ऐसा सिस्टम जो पुरानी परंपराओं पर नहीं बल्कि नई सदी सपनों को साकार करने में सक्षम हो और जो टेक्नोलॉजी पर आधारित हो
डेमोग्राफी
डेमोग्राफी को उन्होंने भारत की बड़ी विशेषता बताई।
डिमांड
अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई का जो चक्र है वह हमारी ताकत है। भारत की 1.3 अरब की आबादी भारत को विश्व का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बनाता है। यह भारत की ताकत है।