विवादास्पद बयानों को लेकर बिप्लब देब से नाराज PM मोदी, 2 मई को मिलने बुलाया
त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब के बयानों से नाराज पीएम मोदी। 2 मई को दिल्ली में मिलने को बुलाया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विवादास्पद बयानों को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब को तलब किया है। उन्हें पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में दो मई को मिलने का नोटिस दिया गया है। पिछले महीने ही त्रिपुरा का मुख्यमंत्री पद संभालने वाले देब ने पिछले दिनों कई ऐसे बयान दिए हैं, जिनकी व्यापाक आलोचना हुई है। चाहे वो महाभारत काल में इंटरनेट होने का दावा करना हो, या फिर पूर्व मिस वर्ल्ड डायना हेडन पर उनका बयान।
विवादों में बिप्लब के बयान
- इंटरनेट और उपग्रह संचार महाभारत युग में मौजूदगी का दावा
- डायना हेडेन के 1997 में विश्व सुंदरी बनने पर सवाल उठाना
- मेकैनिकल इंजीनियरों को सिविल सेवा में नहीं जाना चाहिए, बल्कि सिविल इंजीनियरों को जाना चाहिए
- शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए राजनीतिक दलों के चक्कर काटने के बदले पान की दुकान खोलनी चाहिए
- युवाओं को डेयरी में करियर बनाने और गाय पालने के लिए भी कहा है
सरकारी नौकरी के पीछे न भागे युवा
बता दें कि देब ने रविवार को राज्य के युवाओं से अपनी सोच में बदलाव लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वह सरकारी नौकरियों के पीछे भागने के बजाय कारोबार करें। हालांकि हाल की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार युवाओं को सरकारी नौकरियों के बजाय पान की दुकान खोलने के बयान पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। देब बोले-'मुझे कुछ नहीं कहना है। मीडिया मेरा मित्र है।' मुख्यमंत्री देब ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूर्व की कम्यूनिस्ट सरकार यहां के युवाओं उद्यमिता विकसित करने की सोच नहीं बना सकी। इसलिए वह हमेशा सरकारी नौकरियों के पीछे भागते हैं। मैं चाहता हूं कि युवाओं में उद्यमिता का विकास हो। आय का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि एक इमारत में बैठकर काम करना है।
सीएम ने बताया कि उन्होंने अपने अफसरों से कहा है कि हर अफसर को कम से कम दस युवाओं के लिए आय के साधन जुटाने होंगे। यह आय गायों, सूअरों या पक्षियों के पोल्ट्री फार्म से भी हो सकती है। आय का साधन ग्रामीण युवाओं के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से भी जुटाया जा सकता है। हमारा लक्ष्य है कि तीन महीने के समय में तीन हजार युवाओं के लिए आय की व्यवस्था की जाए।
उल्लेखनीय है कि भाजपा और उसकी सहयोगी आइपीएफटी ने पिछले महीने 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत लाकर इतिहास रच दिया था। इसके साथ ही त्रिपुरा में माकपा के नेतृत्व वाली वामपंथी सरकार 25 साल के बाद सत्ता से दूर हो गई थी।