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PM मोदी ने की K9 वज्र टैंक की सवारी, जानिए खासियत...दुश्मन को यूं करेगा चित

पीएम मोदी ने सूरत के हजीरा एलएंडटी में तैयार सेना के लिए सबसे शक्तिशाली के9 वज्र टैंक देश को समर्पित किया। इसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने इस टैंक की सवारी कर इसका जायजा भी लिया।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 02:30 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 01:10 AM (IST)
PM मोदी ने की K9 वज्र टैंक की सवारी, जानिए खासियत...दुश्मन को यूं करेगा चित
PM मोदी ने की K9 वज्र टैंक की सवारी, जानिए खासियत...दुश्मन को यूं करेगा चित

सूरत, एएनआइ। एक ओर जहां पश्चिम बंगाल में विपक्षी दल एकजुट हो भाजपा के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन दिखाते नजर आए, वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी एकजुटता से निश्चित होकर अलग अंदाज में दिखाई दिए। जहां सूरत में प्रधानमंत्री मोदी के9 वज्र टैंक की सवारी करते दिखे। शनिवार को पीएम मोदी ने सूरत के हजीरा एलएंडटी में तैयार सेना के लिए सबसे शक्तिशाली के9 वज्र टैंक देश को समर्पित किया। इसके बाद खुद प्रधानमंत्री ने इस टैंक की सवारी कर इसका जायजा भी लिया। मेक इन इंडिया के तहत बने इस टैंक से सेना की ताकत बढ़ेगी। यह टैंक बेहद शक्तिशाली है और हम आपको बताते हैं क्या है इसकी खासियतें।

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के9 वज्र टैंक की खासियत

  • इस टैंक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह टैंक दुश्मन को ढूंढ-ढूंढकर मारेगा।
  • अब तक सेना के पास जो टैंक हैं वो एक जगह पर स्थिर होकर वार करते हैं, लेकिन के9 वज्र चारों तरफ घूम-घूमकर हमला करने में सक्षम है।
  •  'K9 वज्र' रेगिस्तानी इलाकों के लिए तैयार किया गया है
  • 2017 में एलएंडटी और हानवा टेकविन की साझेदारी में इसका निर्माण शुरू हुआ था।
  • इस सौदे की कुल कीमत करीब 4300 करोड़ रुपए है।

दुश्मन के बंकर और टैंकों को तबाह करने में सक्षम

के9 वज्र बेहद दमदार है और डायरेक्ट फायरिंग में एक किलोमीटर दूरी पर बने दुश्मन के बंकर और टैंकों को भी तबाह करने में सक्षम है। इस टैंक को किसी भी वातावरण में चलाने के लिए डिजाइन किया गया है। टैंक का वजन 47 टन है, जबकि टैंक की लंबाई 12 मीटर है और ऊंचाई 2.73 मीटर है। टैंक में चालक के साथ पांच लोग सवार हो सकते हैं। K-9 वज्र 21वीं सदी के किसी भी युद्ध में दुश्मन के दांत खट्टे करने में सक्षम है।

पहली तोप, जिसे इंडियन प्राइवेट सेक्टर ने बनाया

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस टैंक में 155X39 कैलेबर की वज्र एक सेल्फ प्रोपेलड ट्रेक्ड तोप है। K-9 वज्र एक स्वचालित एंटाल्या प्रणाली से चलता है, जिसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर से 52 किलोमीटर है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 480 किमी है। यह पहली ऐसी तोप है जिसे इंडियन प्राइवेट सेक्टर ने बनाया है। यह तोप तीन मिनट में 15 राउंड की भीषण गोलाबारी कर सकती है और 60 मिनटों में लगातार 60 राउंड की फायरिंग भी कर सकती है।


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