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पीएम मोदी ने राजनय‍िक मिशनों के प्रमुखों को दिए निर्देश, विदेशों में मौजूद भारतीयों की हर संभव मदद करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक कल्याण संगठनों के सदस्यों के साथ बातचीत करके लॉकडाउन के दौरान के हालातों और राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Mon, 30 Mar 2020 10:14 PM (IST)
पीएम मोदी ने राजनय‍िक मिशनों के प्रमुखों को दिए निर्देश, विदेशों में मौजूद भारतीयों की हर संभव मदद करें
पीएम मोदी ने राजनय‍िक मिशनों के प्रमुखों को दिए निर्देश, विदेशों में मौजूद भारतीयों की हर संभव मदद करें

नई दिल्‍ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए सामाजिक कल्याण संगठनों के सदस्यों और राजनयिक मिशनों के प्रमुखों के साथ भी बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में विभिन्न देशों में तैनात राजदूतों से विदेशों में मौजूद भारतीय नागरिकों तक अपनी पहुंच बनाकर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने सभी देशों में भारतीय मिशन के प्रमुखों पांच सूत्रीय कार्ययोजना को अमल में लाने के लिए भी कहा..। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने राजनयिकों से कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए असाधारण उपाय करने होंगे। 

— ANI (@ANI) March 30, 2020

प्रधानमंत्री ने विदेशों में फंसे भारतीयों की स्‍वदेश वापसी में मिशन प्रमुखों के प्रयासों को सराहनीय बताया। यही नहीं राजनयिकों से उनके एवं उनकी टीम के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य संबंधी सभी एहतियात बरतने के लिए भी कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कहा कि अनिश्चित काल तक अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंध लागू रहने के चलते विदेशों में मौजूद हर भारतीय नागरिक तक मिशनों को अपनी पहुंच बनाने होगी ताकि भारतीय लोगों की हर तरह से मदद की जा सके।  

डिप्‍लोमेट मिशनों के प्रमुखों से बातचीत के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्र‍िंगला भी मौजूद थे। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वायरस से निपटने की लड़ाई के मसले पर ताजा जानकारी हासिल करने के लिए हर रोज दो सौ से अधिक लोगों से बात करते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय यानी पीएमओ की मानें तो बातचीन की इस प्रक्रिया में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों के डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, साफ-सफाई से जुड़े कर्मचारियों के साथ सामाजिक कार्यों से जुड़े लोग भी शामिल होते हैं। 

प्रधानमंत्री की कोशिश सभी का उत्साह बढ़ाने के साथ साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उनके प्रति आभार जताने की भी होती है। यही नहीं प्रधानमंत्री टेलीफोन के जरिये उन लोगों से भी संवाद करते हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण का सामना कर रहे हैं और जो इस संक्रमण को परास्‍त कर चुके होते हैं। प्रधानमंत्री प्रतिदिन कई बैठकों में भी भाग ले रहे हैं, जिनमें उन्हें कैबिनेट सचिव और प्रधान सचिव की ओर से अपडेट दिए जाते हैं। यही कारण है कि भारत में महामारी से निपटने के लिए की गई तैयारियां दुनिया भर में चर्चा का विषय बन रही हैं। यहां तक कि विरोधी भी पीएम मोदी के असरदार नेतृत्‍व क्षमता के सभी मुरीद हो गए हैं। 

अभी हाल ही में पीओके यानी गुलाम कश्मीर के राजनीतिक कार्यकर्ता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कहा था कि पाकिस्तान, गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में कोरोना को लेकर हालात दिनों-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। उनका कहना था कि इन इलाकों में बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारंटाइन जैसे आवश्यक कदम कोई नहीं उठा रहा है। पाकिस्तान में नेतृत्व के असरदार नहीं होने की वजह से ऐसा हो रहा है। अयूब मिर्जा ने कहा था कि भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है और लोग उसका पालन भी कर रहे हैं। इसकी मुख्य वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील और उनके असरदार नेतृत्‍व का नतीजा है।