PM Modi All party Meeting : चीन ने सीमा पर जो किया उससे पूरा देश आहत, सेना को उचित कदम उठाने की छूट : पीएम मोदी
चीन से तनाव और गलवन घाटी में 20 सैनिकों के शहीद पर शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में देश के 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल रहे जिन्होंने मौजूदा हालात पर चर्चा की।
नई दिल्ली, जेएनएन। PM Modi All Party Meeting : पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी विवाद बढ़ गया है। 15-16 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों के शहीद होने पर देश के लोगों में भारी गुस्सा है। यह पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में दोनों देशों के बीच हुआ सबसे बड़ा सैन्य टकराव है। इस तनाव को निपटने के लिए कई स्तरों पर पहल की जा रही है। तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में देश के करीब 20 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल रहे, जिसमें मौजूदा हालात पर चर्चा हुई। बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी मौजूद रहे ।
PM Modi All Party Meeting :
- तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव ( KCR) ने घोषणा की कि गलवन घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू के परिवार को पांच करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, एक आवासीय प्लॉट और उनकी पत्नी को ग्रुप-1 की नौकरी मिलेगी। राज्य सरकार ने वहां शहीद हुए अन्य 19 सैनिकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
- पीएम मोदी ने कहा, आप सभी ने इस बैठक के लिए अपना समय दिया, अपने मूल्यवान सुझाव दिए इसके लिए मैं सभी दलों का , आप सभी नेतृत्व गण का हृदय से बहुत बहुत बहतु आभार व्यक्त करता हूं।
- पीएम मोदी ने कहा, ऐसे में हमने जहां एक तरफ सेना को अपने स्तर पर उचित कदम उठाने की छूट दी है, वहीं दूसरी तरफ डिप्लोमैटिक माध्यमों से भी चीन को अपनी बात दो टूक स्पष्ट कर दी है। मैं आपको भी आश्वस्त कर रहा हूं कि हमारी सेना देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। तैैनाती हो, ऐक्शन हो, काउंटर ऐक्शन हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही है।
- पीएम मोदी ने कहा, मैं आप सभी को, सभी राजनीतिक दलों को फिर से ये आश्वस्त करता हूं कि हमारी सेनाएं, सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। हमने उन्हें यथोचित कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी हुई है। बेहतर हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर से एक मदद ये भी मिली है कि हमारे जवान, जो उस कठिन परिस्थिति में वहां तैनात रहते हैं, उन्हें साजो-सामान पहुंचाने में, आसानी हुई है।
- पीएम मोदी ने कहा, साथियों, राष्ट्रहित, देशवासियों का हित हमेशा हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए, बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को प्राथमिकता दी है। हमारी सेनाओं की दूसरी आवश्यकताओं, जैसे फाइटर प्लेन्स, आधुनिक हेलिकॉप्टर, मिसाइल डिफेंस सिस्टम आदि पर भी हमने बहुत बल दिया है।
- पीएम मोदी ने कहा, इस कारण जिन क्षेत्रों पर पहले बहुत नजर नहीं रहती थी, अब वहां भी हमारे जवान अच्छी तरह से मॉनिटर कर पा रहे हैं। अब तक जिनको कोई पूछता नहीं था, कोई रोकता-टोकता नहीं था, अब हमारे जवान डगर-डगर पर उन्हें रोकते हैं, टोकते हैं तो तनाव बढ़ता है। निश्चित तौर पर, चीन द्वारा एलएसी पर जो किया गया है, उससे पूरा देश आहत है, आक्रोशित है।
- पीएम मोदी ने कहा, ये भावना हमारी इस चर्चा के दौरान भी आप सबके माध्यम से बार-बार दिखाई दी है। चाहे ट्रेड हो, कनेक्टिविटी हो, काउंटर टेरेरिज्म हो, भारत ने कभी किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो भी ज़रूरी कार्य हैं, जो भी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण है, उसे इसी तरह तेज गति से आगे भी किया जाता रहेगा।
- पीएम मोदी ने कहा, आज हम इतने सक्षम हैं कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता। आज भारत की सेनाएं अलग-अलग सेक्टर्स में एक साथ कार्रवाई करने में भी सक्षम है। बीते वर्षों में देश ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए सीमा एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट को प्राथमिकता दी है।
- पीएम मोदी ने कहा कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है। लद्दाख की गलवन घाटी में हमारे 20 जांबाज शहीद हुए, लेकिन जिन्होंने भारत माता की तरफ आंख उठाकर देखा था, उन्हें वो सबक सिखाकर गए। तैनाती हो, कार्रवाई हो या जवाबी कार्रवाई हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही हैं।
Today, we possess the capability that no one can eye even one inch of our land. India's armed forces have the capability to move into multiple sectors at one go: Prime Minister Narendra Modi at all-party meeting pic.twitter.com/J4QZhQWw3S— ANI (@ANI) June 19, 2020
- शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब एक हैं। यह भावना है। हम आपके साथ हैं, पीएम हम अपने सुरक्षा बलों और उनके परिवारों के साथ हैं। भारत शांति चाहता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। चीन का स्वभाव विश्वासघात का है। भारत मजबूत है, मजबूर नहीं। हमारी सरकार में इतनी क्षमता है कि आंखें निकालकर हाथ में दे दे।
- समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि देश एक है। पाकिस्तान और चीन की 'नीयत' अच्छी नहीं है। भारत चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं है इसलिए चीनी सामानों पर 300 फीसद शुल्क लगाया जाय।
Samajwadi Party's Ram Gopal Yadav at all-party meet chaired by PM Modi: Nation is one. 'Neeyat' of Pakistan and China is not good. India will not be China’s dumping ground. Impose 300% duty on Chinese goods. (source)
(file pic) pic.twitter.com/OXs4yBptKV— ANI (@ANI) June 19, 2020
- जदयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि चीन के खिलाफ देशव्यापी गुस्सा है। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं होना चाहिए। हम साथ हैं। पार्टियों को किसी भी तरह की असमानता नहीं दिखानी चाहिए, जो अन्य देशों द्वारा खोजी जा सकती है। भारत पर चीन का रुख ज्ञात है। भारत चीन को सम्मान देना चाहता है, लेकिन चीन ने 1962 में क्या किया। भारतीय बाजारों में चीन के सामानों की बाढ़ की बड़ी समस्या है। उनके भारी प्लास्टिक हैं लेकिन पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं और वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे जुड़ा इलेक्ट्रॉनिक कचरा अधिक होता है। चीनी उत्पाद लंबे समय तक नहीं चलते हैं। यह हमारा कर्तव्य है कि हम एक हों और केंद्र का समर्थन करें।
- बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा, हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं।
All party meeting with PM over India-China border issues: Biju Janta Dal's Pinaki Misra representing his party said, "We stand with the Government fully and unconditionally". pic.twitter.com/tpCdgd3Ywp — ANI (@ANI) June 19, 2020
- एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा कि सीमा के साथ बुनियादी ढांचा का काम नहीं रुकना चाहिए। म्यांमार और बांग्लादेश में चीन प्रायोजित गतिविधियां चिंताजनक हैं। पीएम नॉर्थ ईस्ट बुनियादी ढांचे पर काम कर रहे हैं और यह चल रहा है।
- डीएमके के एमके स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं। उन्होंने चीन के मुद्दे पर पीएम के हालिया बयानों का भी स्वागत किया।
- सीपीआई के डी राजा ने कहा कि हमें अपने गठबंधन में अमेरिकी प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है। सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया।
- सर्वदलीय बैठक के दौरान सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि हमें पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है। इससे पहले भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई है, तो पीएम ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।
-टीआरएस के प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है। कश्मीर के विकास पर पीएम के जोर ने भी चीन को नाराज किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम के आत्म निर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है।
-सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए या नहीं, इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है। हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है।
All party meeting with PM over India-China border issues: Congress President Sonia Gandhi said, "all party meeting should have happened much earlier. Even at this late stage we are in the dark. Congress has specific questions..." (Source) pic.twitter.com/i8B6QtNaMP— ANI (@ANI) June 19, 2020
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्र को आश्वासन की जरूरत है कि यथास्थिति बहाल की जाए। माउंटेन स्ट्राइक कोर की वर्तमान स्थिति क्या है? विपक्षी दलों को नियमित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए। सोनिया गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर किस दिन लद्दाख में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की? सरकार को कब चीनी घुसपैठ का पता चला? क्या सरकार को 5 मई को चीनी घुसपैठ की जानकारी हुई या और पहले? क्या सरकार ने नियमित रूप से अपने देश की सीमाओं की सैटेलाइट तस्वीरें नहीं हासिल की? क्या हमारी खुफिया एजेंसियों ने एलएसी के आसपास असामान्य गतिविधियों की जानकारी नहीं दी? क्या मिलिट्री इंटेलिजेंस ने चीनी घुसपैठ और एलएसी पर चीनी सैनिकों के जमावड़े को लेकर सरकार को अलर्ट नहीं किया? क्या सरकार इसको खुफिया तंत्र की विफलता मानती है?
-सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद अपनी बात शुरू की। उन्होंने कहा कि जब 5 मई को लद्दाख समेत कई जगह चीनी घुसपैठ की जानकारी सामने आई, तो उसके तुरंत बाद ही सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। राष्ट्र की अखंडता और रक्षा के लिए पूरा देश एक साथ खड़ा है। साथ ही सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
- सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि सर्वदलीय बैठक राष्ट्र के लिए एक अच्छा संदेश है। दिखाता है कि हम अपने जवानों के पीछे एकजुट हैं। टीएमसी दृढ़ता से सरकार के साथ एकजुट है। चीन को दूरसंचार, रेलवे और विमानन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करने देंगे। हम कुछ समस्याओं का सामना करेंगे लेकिन हमें चीनियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं देना है। चीन में लोकतंत्र नहीं है। वे एक तानाशाही हैं। वे वही कर सकते हैं जो वे महसूस करते हैं। दूसरी ओर हमें साथ काम करना होगा। भारत जीत जाएगा, चीन हार जाएगा। एकता के साथ बोलिए। एकता के साथ सोचें। एकता के साथ काम करें। हम ठोस रूप से सरकार के साथ हैं। ममता बनर्जी ने चीन के मामले पर केंद्र से पारदर्शिता की मांग की।
- रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी विपक्षी नेताओं को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद के मौजूदा हालात की जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने विपक्षी नेताओं को यह भी बताया कि भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है।
Delhi: PM Narendra Modi, Union Home Minister Amit Shah, Defence Minister Rajnath Singh, FM Sitharaman, EAM &leaders of different political parties who are present in the all-party meeting via video-conferencing, pay tribute to soldiers who lost their lives in #GalwanValley clash pic.twitter.com/Sw5BNKRYdv— ANI (@ANI) June 19, 2020
- सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों के नेता शामिल हैं। बैठक की शुरुआत में चीन सीमा पर गलवन घाटी में हिंसक झड़प के दौरान शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi chairs all-party virtual meeting to discuss India-China border situation, at 7, Lok Kalyan Marg; 20 parties attend the meeting pic.twitter.com/CIix9MI6rp— ANI (@ANI) June 19, 2020
- बैठक में पीएम मोदी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ भारत-चीन की मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा करेंगे। इससे निपटने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।
- सर्वदलीय बैठक के लिए बीजू जनता दल (बीजेडी) ने सांसद पिनाकी मिश्रा को प्रतिनिधि बनाया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख नवीन पटनायक ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा।
- भारत- चीन के बीच जारी तनाव को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक शुरू हो गई है।
- भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि जवानों ने देश की सीमा की हर इंच की रक्षा करते हुए बलिदान दिया हैं। उनके बलिदान पर दुख के साथ गर्व भी है। भारतीय सेना चीन को अपनी जमीन में घुसने से रोक कर रही है। चीन भारत की जमीन पर एक भी इंच भूमि कब्जा नहीं कर पाएगा। उन्होंने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, तो निश्चित तौर पर सरकार के मन में कोई विचार होगा।
- कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी अपने व्यक्तव्य में सरकार से गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प की जानकारी देने को कहेंगी। कांग्रेस यह मांग करेगी कि केंद्र सरकार विपक्ष के सामने 5 मई के बाद चीनी सीमा पर विवाद के पूरे तथ्य रखे। साथ ही इस विवाद से निपटने के लिए एक रणनीति बनाई जाए।
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा कि यह निराशाजनक है कि मेरी पार्टी को चीन सीमा मुद्दे पर आज की ऑल पार्टी मीटिंग के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था, जिसकी अध्यक्षता आपको करनी थी।
All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen (AIMIM) MP Asaduddin Owaisi writes to PM Modi stating, "it is disappointing that my party was not invited to today's "All Party Meeting" on China border issue which was to be chaired by you." pic.twitter.com/9RmyJLKg0g— ANI (@ANI) June 19, 2020
- पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित नहीं करने पर दिल्ली के सीएम और आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनको जैसा लगता है वो करें, लेकिन हम देश और हमारे सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं। हम चाहते हैं कि चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
We stand with the country and our security forces. Strict action should be taken against China: Delhi CM and AAP leader Arvind Kejriwal on AAP not invited for all-party meeting called by PM pic.twitter.com/5NK6Wo9ENA— ANI (@ANI) June 19, 2020
- बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि केंद्रीय सरकार को कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे। बीजेडी और नवीन पटनायक की ओर से हम पीएम को यह बताने का इरादा रखते हैं कि हम जो भी निर्णय लेते हैं, उसमें केंद्र के पीछे ठोस रूप से खड़ा है चाहे उसका राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य आयाम हों।
Central govt will have to take some hard-headed decisions. On behalf of BJD & Naveen Patnaik, we intend to tell the PM that we stand solidly behind the Centre in whatever decision it takes-whether it has a political, economic, military dimension: Biju Janata Dal's Pinaki Mishra pic.twitter.com/AKXRg6p50b— ANI (@ANI) June 19, 2020
- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मनोज झा, मीसा भारती और अन्य नेताओं ने संसद में गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया। मनोज झा ने कहा कि हम परेशान हैं क्योंकि हमें पीएम मोदी द्वारा गलवन घाटी में हिंसक झड़प पर बुलाए गए सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है।
Delhi: Rashtriya Janata Dal (RJD) leaders including Manoj Jha and Misa Bharti staged a protest near Gandhi Statue in Parliament. Manoj Jha says, "we are upset because we have not been invited to the all-party meeting called by PM Modi over #GalwanValleyFaceOff." pic.twitter.com/MWEiX9ft46— ANI (@ANI) June 19, 2020
- बैठक से पहले शिवसेना की मांग है कि केंद्र सरकार को एक नीति बनानी चाहिए, जिसमें चीनी कंपनियों के द्वारा भारत में किए जा रहे निवेश को लेकर कुछ नियम और नीति तय की जाएं।
बैठक में जिन्हें आमंत्रित किया गया है, वे नेता हैं सोनिया गांधी, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक के. चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी, शरद पवार, अखिलेश यादव, मायावती, एमके स्टालिन, एन. चंद्रबाबू नायडू, जगन मोहन रेड्डी, नीतीश कुमार, डी. राजा, सीताराम येचुरी, सुखबीर बादल, चिराग पासवान और हेमंत सोरेन। इसके अलावा बैठक में उत्तर-पूर्व की प्रमुख पार्टियों और केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया गया है। इसमें उन पार्टियों को आमंत्रित किया गया है, जो मुख्य राष्ट्रीय राजनीतिक दल हों या जिन पार्टियों के लोकसभा में पांच सांसद हों।
इसमें आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल को आमंत्रित नहीं किया गया है। इन दलों को नहीं बुलाए जाने पर इन पार्टियों के नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है। ज्ञात हो कि आरजेडी सभी पांच सांसद राज्यसभा में हैं, लोकसभा में पार्टी के एक भी सांसद नहीं हैं। आप के लोकसभा में एक और राज्यसभा में 3 सांसद हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में चीन से विवाद को निपटने के लिए एक रणनीति बनाई जाएगी।