पीएम मोदी बोले- फूफा के जनाजे में भीड़ जमा नहीं होने उमर अब्दुल्ला का आह्वान सराहनीय
नरेंद्र मोदी ने उमर अब्दुल्ला के फूफा के निधन पर दुख जताया और नेशनल कांफ्रेंस के नेता के इस आह्वान की सराहना की कि जनाजे में समर्थक बड़ी संख्या में नहीं पहुंचे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर के 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है। ज्यादातर लोग इस पालन कर रहे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के फूफा के निधन पर दुख जताया और नेशनल कांफ्रेंस के नेता के इस आह्वान की सराहना की कि जनाजे में समर्थक बड़ी संख्या में नहीं पहुंचे और घर से ही दिवंगत आत्मा के लिए दुआ करें।
मोदी ने ट्वीट किया, 'उमर अब्दुल्ला, आपके और पूरे परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।' साथ ही कहा कि दुख की इस घड़ी में उमर ने बड़ी संख्या में लोगों के जमा नहीं होने का आह्वान किया है, जो 'सराहनीय है और यह कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती देगा।'
बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने रविवार रात ट्वीट किया कि उनके फूफा मोहम्मद अली मट्टू का निधन हो गया है। वह कुछ समय से बीमार थे। उमर ने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन के मद्देनजर लोगों से कहा कि वे घर से ही दुआ करें और जनाजे में शामिल होने के लिए जमा नहीं हों।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 5 अगस्त से उमर अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था। उन पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) भी लगाया था। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर पर आरोप था कि उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को भड़काने का काम किया था। इस मामले में उमर की बहन सारा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पिछले दिनों उमर अब्दुल्ला को हिरासत को खत्म करने का फैसला किया गया।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले एक हजार के पार पहुंच गए हैं। वहीं, 29 मरीजों की मौत हो गई है। हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमित 99 लोग भारत में ठीक भी हो चुके हैं। ऐसे में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें से एक 21 दिनों का लॉकडाउन भी है। अच्छी बात यह है कि भारत में अभी तक इस महामारी का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है।