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Ayodhya Verdict: अयोध्या फैसले से पहले पीएम मोदी का ट्वीट, फैसला किसी की हार-जीत नहीं

Ayodhya Verdict प्रधानमंत्री ने कहा है कि अयोध्या पर फैसले को किसी समुदाय की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 10:50 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 07:44 AM (IST)
Ayodhya Verdict: अयोध्या फैसले से पहले पीएम मोदी का ट्वीट, फैसला किसी की हार-जीत नहीं

नई दिल्ली, एजेंसी। बहुचर्चित अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा। फैसले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अयोध्या पर फैसले को किसी समुदाय की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट किए हैं।

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उन्होंने कहा, 'अयोध्या पर कल सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ रहा है। पिछले कुछ महीनों से सुप्रीम कोर्ट में निरंतर इस विषय पर सुनवाई हो रही थी, पूरा देश उत्सुकता से देख रहा था। इस दौरान समाज के सभी वर्गों की तरफ से सद्भावना का वातावरण बनाए रखने के लिए किए गए प्रयास बहुत सराहनीय हैं।'

दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा कि देश की न्यायपालिका के मान-सम्मान को सर्वोपरि रखते हुए समाज के सभी पक्षों ने, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों ने, सभी पक्षकारों ने बीते दिनों सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए जो प्रयास किए, वे स्वागत योग्य हैं। कोर्ट के निर्णय के बाद भी हम सबको मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।

बता दें कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट शनिवार को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा। शीर्ष अदालत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने संवेदनशील मामले की 40 दिनों तक मैराथन सुनवाई की। राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाने वाले इस मामले में कई याचिकाओं की सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस मामले में कार्यवाही सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में दूसरी सबसे लंबी सुनवाई में से एक है। इससे पहले केसवानंद भारती मामले की सुनवाई 68 दिनों तक चली थी। तीसरा सबसे लंबी सुनवाई आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की थी, जो 38 दिनों तक चली थी।


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