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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- गांवों तक टेलीमेडिसिन सेवा पहुंचाने की दरकार, डॉक्टरों से की यह अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि टेलीमेडिसिन सेवा का ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ करने का कोरोना की दूसरी लहर में काफी लाभ मिला है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 11:23 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 12:26 AM (IST)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि टेलीमेडिसिन सेवा का ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार करने की जरूरत है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि होम आइसोलेशन में मरीजों के लिए टेलीमेडिसिन ने बड़ी भूमिका निभाई है और इस सेवा का ग्रामीण क्षेत्रों में भी विस्तार करने की जरूरत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ करने का कोरोना की दूसरी लहर में काफी लाभ मिला है। टीकाकरण ने ज्यादातर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की है क्योंकि 90 फीसद स्वास्थ्य पेशेवरों को पहले ही टीके की पहली डोज दी जा चुकी है।

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डाक्टरों की सराहना की 

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये डाक्टरों के एक समूह के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने टीम बनाकर गांवों में टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध करा रहे डाक्टरों की सराहना करते हुए कहा कि सभी राज्यों में ऐसी ही टीमें बनाने, एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों व इंटर्न को प्रशिक्षित करने और सभी तहसीलों व जिलों में ऐसी सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अपील की।

एसओपी के आधार पर हो मरीज की देखभाल 

मोदी ने कहा कि बड़ी संख्या में मरीजों का होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है, डाक्टर सुनिश्चित करें कि ऐसे प्रत्येक मरीज की देखभाल मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के आधार पर हो।

कार्योंं में लाई जाए तेजी   

प्रधानमंत्री ने कहा कि टेस्टिंग हो, दवाओं की आपूर्ति हो या फिर रिकार्ड समय में नए बुनियादी ढांचे की स्थापना, सभी काम तेज रफ्तार से किए जा रहे हैं। उनका यह बयान विपक्षी पार्टियों द्वारा उनकी सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम की आलोचना के मद्देनजर आया है। विपक्ष ने सरकार पर कोरोना की दूसरी लहर से सही तरीके से नहीं निपट पाने का आरोप भी लगाया है।

उपलब्ध कराई गई अतिरिक्त

आक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति की चुनौती से निपटने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मानव संसाधन बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों ने स्वास्थ्य व्यवस्था को अतिरिक्त मदद उपलब्ध कराई है। इसमें एमबीबीएस छात्रों को कोरोना के इलाज और आशा व आंगनबाड़ी वर्कर्स को ग्रामीण इलाकों में लगाना शामिल है।

समूचे चिकित्सा समुदाय का धन्‍यवाद

कोरोना की दूसरी लहर में असाधारण परिस्थितियों के खिलाफ अनुकरणीय लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री ने पूरे चिकित्सा समुदाय और पैरामेडिकल स्टाफ को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि पूरा देश उनका कर्जदार है। प्रधानमंत्री ने डाक्टरों से अपने दैनिक कार्यो में आक्सीजन आडिट को शामिल करने का अनुरोध भी किया।

डाक्टरों ने साझा किए अनुभव 

म्यूकोरमाइकोसिस की चुनौती का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे निपटने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए डाक्टरों को अतिरिक्त प्रयास करने की जरूरत पड़ सकती है। बातचीत के दौरान डाक्टरों ने इस महामारी से निपटने के अपने अनुभवों और नवाचारों को भी साझा किया।


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