PM Modi's interview : मोदी ने बताया दिवाली पर 5 दिन जंगल क्यों जाते थे, और भी कई रोचक खुलासे
PM Modi ने बताया कि इस बारे में बहुत लोग नहीं जानते हैं, लेकिन मैं प्रत्येक दिवाली पर पांच दिनों के लिए कहीं निकल जाता।
मुंबई, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि अपनी युवावस्था में वह हरेक दिवाली पर पांच दिनों के लिए एक जंगल में चले जाते थे। उस दौरान वह एकांत में आत्म निरीक्षण करते थे। उनकी इसी बात ने उन्हें अपने जीवन और उसके विभिन्न अनुभवों को संवारने की शक्ति दी है।
फेसबुक पेज 'ह्यूमंस ऑफ बांबे' को दिए इंटरव्यू में बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी युवावस्था की कुछ झलकियां दीं और जीवन के उद्देश्य को तलाशने की अपनी आध्यात्मिक यात्रा का वृतांत सुनाया। उन्होंने बताया कि इस बारे में बहुत लोग नहीं जानते हैं, लेकिन मैं प्रत्येक दिवाली पर पांच दिनों के लिए कहीं निकल जाता था।
किसी जंगल में चला जाता था जहां, शुद्ध पानी हो और कोई भी लोग न हों। मैं अपने साथ पांच दिनों के लिए खाने के सामान की गठरी ले जाता था। वहां पर कोई रेडियो या अखबार नहीं होता था।
उन दिनों तो टीवी और इंटरनेट भी नहीं थे। मोदी ने कहा कि केवल इस एकाकी समय ने मुझे इतनी शक्ति दी कि इससे मैं अपने जीवन और उसके विभिन्न अनुभवों को साध पा रहा हूं। यह जाहिर होता है।' उन्होंने कहा, 'लोग मुझसे पूछते थे किससे मिलने जा रहे हो?
और मैं जवाब देता था कि मैं मुझसे मिलने जा रहा हूं।' मोदी ने लोगों से खासकर युवाओं से अपील की कि वह विचार करने और आत्मदर्शन के लिए अपने व्यस्त जीवन में से कुछ समय निकालें। इससे आपका देखने का नजरिया बदल जाएगा। आपकी आत्मबोध के लिए समझ बढ़ेगी। आप दुनिया के सही मायने समझकर उसमें जिएंगे। आप विश्वास से भरपूर होंगे और दूसरे की कही बातों से अप्रभावित रहेंगे।
यह बात आपको आने वाले समय में काफी मदद करेगी। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि आप सब याद रखें कि आप खास हैं। आपको रोशनी के लिए बाहर देखने की जरूरत नहीं, यह आपमें ही निहित है।' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 17 साल की उम्र में दो साल हिमालय में रहे थे।
उस दौर की बातें याद करते हुए उन्होंने कहा, 'तब मुझे कुछ भी स्पष्ट नहीं था। मैं क्या करना चाहता था और क्यों करना चाहता था। बस मैं इतना जानता था कि मैं कुछ करना चाहता हूं। इसलिए मैंने खुद को भगवान के आगे समर्पित कर दिया और 17 साल की उम्र में हिमालय चला गया।'
मोदी ने बताया कि वह दुनिया को समझने के लिए दूरदराज के इलाकों में घूमे और रामकृष्ण मिशन में वक्त बिताया, साधू-संतों से मिला। उनके साथ रहा और अंतर्मन की खोज की। इस दौरान मेरे सिर पर छत नहीं थी लेकिन मैंने हमेशा घर जैसा महसूस किया।
अपनी उन दिनों की दिनचर्या बताते हुए मोदी ने कहा, वह ब्रह्मा मुहूर्त में रात के तीन बजे से 3.45 बजे के बीच उठते थे। उन्होंने पाया कि शांति वहीं है जहां ध्यान लगता हो।
झरने की साधारण सी आवाज भी इसमें सहायक होती है। इस इंटरव्यू के कुछ अंशों को फेसबुक पेज के अलावा प्रधानमंत्री के ट्विटर हेंडल पर भी डाला गया है। 'ह्यूमंस ऑफ बांबे' नाम की वेबसाइट के अनुसार उसकी टीम स्टोरी टेलर्स की एक टीम है।
दिलेर थे बाल ठाकरे : मोदी
शिवसेना नेता बाल ठाकरे के 93वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें दिलेर व्यक्ति करार दिया है। उन्होंने कहा कि ठाकरे लोगों के अधिकारों की रक्षा का काम करते थे। वह अत्यधिक बुद्धिमान और हाजिरजवाबी की खूबी से लैस थे।