काली सूची से बाहर हुए सिखों को भारत में मिलेगा ये लाभ, जानें- क्यों लगा था प्रतिबंध
गुरुनानक देव की 550वीं जयंती के ठीक पहले मोदी सरकार ने विदेश में रह रहे सालों से काली सूची में शामिल 314 में से 312 सिखों को इस सूची से बाहर कर दिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुरुनानक देव की 550वीं जयंती के ठीक पहले मोदी सरकार ने सालों से काली सूची में शामिल विदेश में रह रहे सिखों को बड़ी राहत दी है। काली सूची में शामिल 314 में से 312 सिखों को इस सूची से बाहर कर दिया गया है। अब इन सिखों और उनके परिवार के सदस्यों का भारत आना संभव हो सकेगा। यही नहीं, जरूरी मापदंड पूरे करने पर वे प्रवासी भारतीय (ओसीआइ) कार्ड के लिए आवेदन भी कर सकेंगे।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 1980 के दशक में देश-विदेश के कई सिख भारत विरोधी दुष्प्रचार के प्रभाव में आ गए थे। इस कारण विदेश में रहने वाले बहुत सारे सिख भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो गए। वहीं देश से कई सिखों ने विदेश में पलायन कर वहां राजनीतिक शरण ले ली।
भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल
भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें काली सूची में डाल दिया गया था। परिणामस्वरूप उन्हें या उनके परिवार के किसी सदस्य को भारतीय वीजा जारी करने पर रोक लग गई। समय-समय पर इस काली सूची की समीक्षा के बाद इसमें कुल 314 सिख बचे हुए थे।
सिख समुदाय अब भारत आ सकेंगे
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि काली सूची से बाहर आने के बाद ये लोग और उनके परिवार के सदस्य भारत आ सकेंगे और सिख समुदाय से जुड़े धार्मिक स्थलों का दर्शन भी कर सकेंगे। इसके साथ ही वे अपने पैतृक गांव भी जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका मिलेगा।
गुरुनानक देव की 550वीं जयंती
भारत में गुरुनानक देव की 550वीं जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने की तैयारियां चल रही हैं। जाहिर है विदेश में बसे सिख समुदाय के लोग इस दौरान अपने धार्मिक स्थलों का दर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
काली सूची से बाहर
काली सूची से बाहर होने के बाद इन लोगों के परिवारों को भी यह मौका मिल सकेगा। वैसे सुरक्षा कारणों से गृहमंत्रालय ने काली सूची में बच गए दो सिखों का नाम बताने से इंकार कर दिया।